The woman gave birth to 44 children : सोशल मीडिया पर कई तरह की अनोखी और मजेदार खबरें वायरल होती है। लेकिन आज हम आपकों एक ऐसी खबर बताने जा रहे हैं जिसे जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। युगांडा की एक महिला है जो 44 बच्चों को जन्म देने के लिए जानी जाती है। इस महिला को युगांडा की एक महिला है जो 44 बच्चों को जन्म देने के लिए जानी जाती है। महिला का नाम मरियम नबातनज़ी बबिरिये है। जिसका जन्म साल 1980 में हुआ था।
The woman gave birth to 44 children : इस महिला ने जब बर्थ कंट्रोल के बारे में सोचा तो डॉक्टर्स ने कहा कि परिवार नियोजन का कोई भी तरीका उन पर काम नहीं करेगा। साथ ही उन्हें चेतावनी भी दी गई कि अगर उन्होंने बच्चों को जन्म देना बंद कर दिया तो उन्हें गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं या फिर जान भी जा सकती है। ये महिला 44 बच्चों का पालन-पोषण अकेले ही करती हैं।
महिला जब 12 साल की थी तब 40 साल के एक शख्स के साथ उसकी जबरन शादी करा दी गई। जिस शख्स से मरियम की शादी हुई थी उसने कई और शादियां भी की थी। मरियम उसकी पांचवी पत्नी है। 13 साल की उम्र में महिला ने बच्चों को पैदा करना शुरू किया। 36 साल की उम्र तक महिला ने कुल 44 बच्चों को जन्म दिया। फिलहाल महिला की उम्र 44 साल है और उसके 38 बच्चे अभी भी जिंदा है। जिनमें से 10 लड़कियां हैं और 28 लड़के हैं। महिला के सबसे बड़ी संतान की उम्र 31 साल है और सबसे छोटे की उम्र 6 साल है।
मरियम ने अपने ज्यादातर बच्चों को घर पर ही जन्म दिया था। सिर्फ 1 बच्चे को छोड़ दिया जाए तो उसके सभी बच्चे घर पर ही पैदा हुए थे। मरियम ने 6 बार जुड़वां बच्चों को, 4 बार तिड़वां बच्चों को और 3 बार एक साथ 4-4 बच्चों को जन्म दिया। साल 2015 में महिला के पति ने उसे यह कहते हुए छोड़ दिया कि वह इतने बच्चों का पालन पोषण नहीं कर सकता।
डॉक्टरों के मुताबिक, मरियम नबातनज़ी बबिरिये के अंडाशयों की संख्या समान्य महिलाओं के मुकाबले अधिक है। जिससे एक साथ उनके कई बच्चे होते हैं। साल 2019 में जब बेबीरिये 40 वर्ष की थीं, तब आगे गर्भधारण को रोकने के लिए उन्हें एक चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। जिसके बाद उन्हें आगे का प्रेग्नेंसी से निजात मिली।
युगांडा की राजधानी कंपाला के मुलगो हॉस्पिटल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चार्ल्स किगगुंडु के मुताबिक, मरियम की फर्टिलिटी काफी अधिक थी, इस कारण वह इतने अधिक बच्चे पैदा कर रही थीं। मरियम की स्थिति में कोई भी बर्थ कंट्रोल तकनीक काम नहीं करती और अगर ऐसा किया भी जाता तो उन्हें गंभीर बीमारियां का खतरा भी हो सकता था। हालांकि, हाइपर ओव्यूलेशन का इलाज मौजूद है लेकिन युगांडा के ग्रामीण इलाके में उन तकनीकों का आना काफी मुश्किल था।