बाल्टीमोर। जनवरी माह में सूअर का जेनेटिकली मोडिफाइड हर्ट ट्रांसप्लांंट करने वाले अमेरिकी व्यक्ति डेविड बेनेट की मंगलवार दोपहर यूनिवर्सिटी आफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर में मृत्यु हो गई। वह 57 वर्ष के थे।
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डाक्टरों ने उनकी मौत की वजह तो नहीं बताई है, लेकिन कहा कि कई दिन पहले उनकी हालत बिगड़नी शुरू हो गई थी। अस्पताल की प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि उनके शरीर ने किसी बाहरी अंग को नकार दिया था या नहीं। उनकी मृत्यु के किसी स्पष्ट कारण की पहचान नहीं हुई है। शुरू में बेनेट के शरीर में सूअर का दिल काम कर रहा था और मैरीलैंड अस्पताल ने समय-समय पर ताजा जानकारी दी थी कि बेनेट धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं।
पिछले महीने अस्पताल ने उनका एक वीडियो जारी किया था जिसमें वह अपने फिजिकल थेरेपिस्ट के साथ काम करते हुए अस्पताल के बिस्तर से फुटबाल का मैच देख रहे थे। बेनेट की सर्जरी करने वाले डा. बार्टले ग्रिफिथ ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हम बेनेट की मृत्यु से आहत हैं। उन्होंने खुद को साहसी और महान मरीज साबित किया जो आखिर तक लड़ा।’
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मैरीलैंड निवासी डेविड ने सर्जरी से पहले कहा था, ‘ मेरे पास दो ही विकल्प थे, या तो मौत या फिर यह प्रत्यारोपण। मैं जीना चाहता हूं। मैं जानता हूं कि यह अंधेरे में तीर चलाने जैसा है, लेकिन यह मेरी अंतिम इच्छा है।’ दरअसल कई महीनों से डेविड बिस्तर पर हर्ट-लंग बाइपास मशीन के सहारे जीवित थे।
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सूअर के दिल को यूनाइटेड थेरेप्यूटिक्स की सब्सिडरी कंपनी रेविविकोर ने विकसित किया, जिसके प्रत्यारोपण की अनुमति अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने दी थी। गत वर्ष सितंबर के दौरान न्यूयार्क में एक मृत व्यक्ति में प्रायोगिक तौर पर सूअर की किडनी का प्रत्यारोपण किया गया था। सर्जन डा. बार्टले ग्रिफिथ ने कहा कि यह सर्जरी बेहद महत्वपूर्ण थी।
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बता दें कि प्रत्यारोपण के पहले डाक्टरों ने सूअर के दिल की जीन-एडिटिंग करते हुए उसकी कोशिका में मौजूद तीन जीन को निकाला, जिनकी वजह से मानव शरीर पशुओं के अंग का प्रत्यारोपण स्वीकार नहीं करता। इसके अलावा, सूअर के दिल की कोशिकाओं के विकास के लिए जिम्मेदार एक जीन को निकाला गया और प्रतिरक्षा को स्वीकार करने वाले छह मानव जीन को लगाया गया।