बीजींग: कुछ आलसियों को छोड़ दें तो पूरी दुनिया में ऐसा कोई नहीं होगा जो रोजाना ब्रश न करता हो, यहां तक जंगलों में रहने वाले विशेष समुदाय के लोग भी अब विकास की ओर आगे बढ़कर खुद की साफ-सफाई पर ध्यान देने लगे हैं। लेकिन दुनिया में ऐसा शख्य भी हुआ, जिसने अपनी पूरी जिंदगी ब्रश नहीं किया। हैरानी की बात ये है कि इस शख्स की देश के सबसे ताकतवर नेताओं में होती थी।
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हम बात कर रहे हैं एक दौर में चीन के सबसे ताकतवर नेता रहे माओत्से तुंग, जिसे माओ जेडॉन्ग भी कहते हैं। माओ के डाक्टर रह चुके जी शी ली ने उनके जीवन पर एक किताब लिखी है, जिसका नाम ‘द प्राइवेट लाइफ ऑफ चेयरमेन माओ’ है। इसमें उन्होंने चीन के इस नेता के बारे में कई हैरान करने वाली बातें बताई हैं।
26 दिसंबर, 1893 को हुनान प्रांत के शाओशान कस्बे में जन्मे माओ को दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक थे। मशहूर टाइम पत्रिका ने उन्हें 20वीं सदी के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया था। चीन के लोग उन्हें एक महान प्रशासक मानते हैं। उनका मानना है कि माओ ही वो शख्स थे, जिन्होंने अपनी नीति और कार्यक्रमों के माध्यम से आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक विकास के साथ चीन को दुनिया की एक प्रमुख शक्ति बनने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जी शी ली ने अपने किताब में उल्लेख किया है कि ‘माओ जब सोकर उठते थे तो ब्रश करने के बजाए दांतों को साफ करने के लिए चाय का कुल्ला किया करते थे। यह उनका हर रोज का काम था। उनके दांतों को देखकर ऐसा लगता था, जैसे किसी ने उन्हें हरे रंग से रंग दिया हो।’ सिर्फ यही नहीं, माओ कभी-कभार ही नहाया भी करते थे। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें नहाने से नफरत थी।
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बताया जाता है कि माओ की जिंदगी आम लोगों से बिल्कुल अलग थी। वे रात में जगते थे और दिन में सोते थे। ऐसा कहा जाता है कि माओ सिर्फ अपने बिस्तर पर सोते थे, उन्हें दूसरे के बिस्तर पर नींद नहीं आती थी। हैरान करने वाली बात ये है कि वे विदेश यात्रा के दौरान भी अपना बिस्तर साथ लेकर चलते थे।