कानपुर, यूपी। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन जहां कई लोगों पर मुसीबत बनकर सामने आई वहीं कुछ बदनसीबों की किस्मत जाग गई है। जी हां कानपुर में कुछ ऐसा ही एक किस्सा सामने आया है। जिसे देख सुनकर आप भी हैरान रहे जाएंगे।
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यह घटना बड़ी सकारात्मक है जो समाज में ऊंच नीच की भावना से कहीं ऊपर है। हालांकि लोग यह भी कहते है कि प्यार अंधा होता है। ये दास्तान-ए-हकीकत का किस्सा यहां से शुरू होता है,जब लॉकडाउन के दौरान गरीबी की वजह से फुटपाथ पर भिखारियों के साथ बैठकर नीलम नामक युवती रोजाना खाना खाया करती थी। अनिल नामक युवक उसे खाना परोसा करता था। इसी दौरान अनिल और नीलम एक दूसरे के संपर्क में आये।
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अनिल ने उसके बारे में जानकारी इक्क्ठा की। जब उसे नीलम की मजबूरियों का पता चला तो उसने उसका साथ देने का फैसला किया। पता नहीं कब उसे इस लड़की से प्यार हो गया। चंद दिनों में ही दोनों की मेल मुलाकात जीवन भर के हमसफ़र बन गई।
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इस युवक को पहली नजर में प्यार हुआ और उसने फौरन उस लड़की से शादी की पेशकस कर दी। इस लड़की को प्यार शब्द सुनकर हैरानी हुई | उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, जब उस युवक ने उससे शादी की तब उसे यकीन हुआ कि जिंदगी कितनी हसीन है। इस अनोखी शादी में कई प्रभावशील और आर्थिक रूप से संपन्न लोग मौजूद थे। सामाजिक सोच बदलने वाली इस शादी के बारे में जिसने भी सुना वो हैरान रह गया। शादी में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया।
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अनिल ने नीलम के साथ सात फेरे लेकर उसकी मांग भरने और अपनी पत्नी बनाने का प्रस्ताव दिया। पहले तो नीलम को यह अविश्वसनीय लगा। लेकिन अनिल की बातों पर यकीन करने के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं था। तुरंत शादी का प्रस्ताव लेकर अनिल नीलम के परिजनों के पास पहुंच गया। उन्हें भी यकीन नहीं हुआ।
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बताया जाता है कि नीलम के पिता नहीं हैं, मां पैरालिसिस से पीड़ित है, जबकि आर्थिक तंगी के चलते उसके भाई और भाभी ने उसे मारपीट कर घर से भगा दिया है। नीलम के पास गुजारा करने के लिए भी कुछ नहीं था। लॉकडाउन के दौरान उसने कई लोगों से रोजगार भी मांगा। लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। उसकी हालत ऐसी थी कि उसे फुटपाथ पर भिखारियों के साथ बैठकर पेट भरना पड़ता था। वो खाने लिए उनके साथ रोजाना लाइन में लगती थी।
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