10th Board Syllabus: 10वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव, अब 6 की जगह पढ़ने होंगे 10 सब्जेक्ट, ग्रेडिंग सिस्टम भी होगा लागू |10th Board Syllabus

10th Board Syllabus: 10वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव, अब 6 की जगह पढ़ने होंगे 10 सब्जेक्ट, ग्रेडिंग सिस्टम भी होगा लागू

10th Board Syllabus: 10वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव, अब 6 की जगह पढ़ने होंगे 10 सब्जेक्ट, ग्रेडिंग सिस्टम भी होगा लागू

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Modified Date: June 19, 2024 / 02:21 PM IST
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Published Date: June 19, 2024 2:20 pm IST

10th Board Syllabus: उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, 9वीं और 10वीं के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर ली है। बता दें कि अब 9वीं-10वीं के छात्रों को 6 की जगह पूरो 10 विषयों की पढ़ाई करनी होगी। 2025-26 शैक्षणिक सत्र से कक्षा 9वीं और 10वीं में कुल दस विषयों की परीक्षा कराई जाएगी, जबकि मेरिट सात विषयों के आधार पर बनेगी। बता दें कि वर्तमान में मात्र छह विषयों की परीक्षा ली जाती है, लेकिन अब हर स्टूडेंट को कम से कम तीन भाषाएं पढ़नी होगी।

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बोर्ड सचिव ने मांगा सुझाव

बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल के अनुसार, इस बदलाव को लागू करने के लिए सुझाव मांगे गए हैं। सभी सुझाव upmspncf2023@gmail पर 29 जून तक दिए जा सकते हैं। प्रस्ताव में हिंदी अनिवार्य, दो अन्य भाषाएं भी छात्रों को पढ़नी होंगी।

ये विषय होंगे शामिल

बता दें कि इस नए प्रस्ताव में स्टूडेंट्स को हिंदी पढ़ना अनिवार्य होगा। संस्कृत, गुजराती, उर्दू, पंजाबी, बांग्ला, मराठी, असमी, उड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, सिंधी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, नेपाली, पालि, अरबी, फारसी और अंग्रेजी में से कोई दो भाषाओं को भी पढ़ाई छात्रों को करनी होगी। गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान भी सभी छात्रों के लिए अनिवार्य रहेंगे। इसके अलावा विद्यार्थियों को शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा के तहत नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा और समाजोपयोगी उत्पादक एवं समाजसेवा कार्य सभी के लिए अनिवार्य रहेगा।

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सब्जेक्ट चयन करने का मिलेगी अवसर

गृह विज्ञान, मानव विज्ञान, वाणिज्य, एनसीसी, कंप्यूटर, कृषि या पर्यावरण विज्ञान में से कोई एक विषय चुनना होगा। कला शिक्षा क्षेत्र के तहत चित्रकला, रंजन कला, संगीत गायन या संगीत वादन में से किसी एक विषय का चयन छात्रों को करना होगा।

बनाई गई तीन कैटेगरी

बोर्ड ने तीन श्रेणियां तय की हैं। ए श्रेणी में 7, बी श्रेणी में 15 और सी श्रेणी में नौ विषय शामिल किए गए हैं। इसी क्रम में शारीरिक, कला एवं व्यवसायिक शिक्षा में 30 नंबर की लिखित परीक्षा कराई जाएगी और 70 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। शेष विषयों में 80 अंक की लिखित परीक्षा और 20 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा।

A कैटेगरी में पाकशास्त्र, बेकिंग एवं कन्फेक्शनरी, मधुमक्खी पालन, पौधशाला, खाद्य संरक्षण, फल संरक्षण, फसल सुरक्षा संबंधी विषय जीवन रूपों के साथ कार्य करने संबंधी हैं तो वहीं, बी कैटेगरी में मशीन और सामग्रियों के साथ कार्य करने संबंधी विषयों में आटोमोबाइल, आइटी/ आइटीईएस, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, सोलर सिस्टम, मोबाइल रिपेयरिंग, टेक्सटाइल डिजाइन, फोटोग्राफी, परिधान रचना एवं सज्जा, आशुलिपिक तथा टंकण, मुद्रण, रेडियो एवं टेलीविजन, बुनाई तकनीक, सिलाई शामिल किए गए हैं।

C कैटेगरी में मानव सेवा में कार्य करने संबंधी विषयों की सूची में नौ विषय शामिल किया गया है। इनमें हेल्थ केयर, खुदरा व्यापार, सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, पुस्तकालय विज्ञान, धुलाई रंगाई, बैंकिंग, एकाउंटेंसी एवं अंकेक्षण, पर्यटन एवं आतिथ्य शामिल है।

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नया ग्रेडिंग सिस्टम भी जारी

बोर्ड ने न केवल सिलेबस में बदलाव किया है बल्कि विषयवार ग्रेडिंग सिस्टम भी तय किया है। सिस्टम के मुताबिक, कक्षा 9वीं में 91-100 नंबर प्राप्त करने वाले छात्र को ए-1 ग्रेड, 81-90 अंक पर ए-2 ग्रेड, 71-80 अंक पर बी-1 ग्रेड, 61 से 70 अंक पर बी-2 ग्रेड, 51 से 60 अंक पर सी-1 ग्रेड, 41 से 50 अंक पर सी-2 ग्रेड, 33 से 40 अंक पर डी ग्रेड ओर 0-32 अंक पर ई ग्रेड दिया जाएगा। वहीं ई ग्रेड पाने वाले स्टूडेंट्स को फेल माना जाएगा।

इन सब्जेक्ट के लिए नहीं मिलेगा अनुदान

बोर्ड ने नए निर्देशों में कहा है कि यदि कोई स्कूल व्यावसायिक शिक्षा क्षेत्र के चयनित ट्रेड के विषय पढ़ाता है तो जिला विद्यालय निरीक्षक से अनुमति प्राप्त करनी होगी। जिला विद्यालय निरीक्षक परिषद को अनिवार्य रूप से सूचित करेंगे। विद्यालयों को अलग से मान्यता की आवश्यकता नहीं होगी। संस्था को ट्रेड विषयों के संचालन के लिए कोई भी शासकीय अनुदान नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा सभी मान्यता प्राप्त संस्थाओं में भाषाओं के अतिरिक्त समस्त विषयों के शिक्षण का माध्यम हिंदी अथवा अंग्रेजी रहेगा। प्रतिबंध यह है कि जिन विद्यालयों को हिंदी माध्यम से शिक्षण दिए जाने हेतु पूर्व में मान्यता/अनुमति मिली है, उन्हें अंग्रेजी माध्यम से भी शिक्षण दिए जाने की अनुमति दी जा सकती है।

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