नई दिल्ली: ugc phd regulations 2022 pdf यूजीसी की ओर से पीएचडी करने वाले शोधार्थियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। जारी गाइडलाइन के अनुसार अब शोधार्थियों को अधिकतम 6 साल का समय दिया जाएगा। जबकि शोधार्थियों को 3 साल में अपना पूरा कोर्स वर्क करना होगा। ये तीन साल रजिस्ट्रेशन की डेट से गिना जाएगा।
Read More: बेपटरी होकर प्लेटफॉर्म और प्रतीक्षालय से टकराए ट्रेन की डिब्बे, दो यात्रियों की मौत, कई गंभीर, कोरेई रेलवे स्टेशन पर हुआ दर्दनाक हादसा
ugc phd regulations 2022 pdf वहीं, रीरजिस्ट्रेशन के जरिए ज्यादा से ज्यादा शोधार्थियों को दो साल का अतिरिक्त समय दिया जा सकता है। महिलाओं को दो साल की एक्स्ट्रा छूट दी जा सकती है। यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार का कहना है कि यूजीसी के नए नियमों से पढ़ाई में अच्छे स्टूडेंट्स कम उम्र में पीएचडी कोर्सेज में प्रवेश करेंगे।
Read More: मैदानगढ़ी के तालाब में छिपा है श्रद्धा की हत्या का पूरा सबूत? जंगल में मिली श्रद्धा की खोपड़ी और हड्डियां
ये होंगे नए नियम
- – अब कहीं भी सेवारत कर्मचारी या शिक्षक पार्टटाइम पीएचडी कर सकेंगे। पहले सरकारी सेवारत कर्मचारियों या शिक्षकों को शोध करने के लिए अपने विभाग से अध्ययन अवकाश लेना पड़ता था।
- – ऑनलाइन या दूरस्थ विधि से पीएचडी नहीं की जा सकती।
- – पहले थीसिस जमा कराने से पहले शोधार्थी को कम से कम दो शोधपत्र संदर्भित शोध पत्रिकाओं में छपवाना पड़ता था। अब पीएचडी के नए नियमों में इसकी छूट दी गई है। रिसर्च की प्रक्रिया के दौरान दो रिसर्च पेपर छपवाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
- – रिसर्च पेपर की अनिवार्यता खत्म कर दी है।
- – जब कोई थीसिस जमा कर दे तो विश्वविद्यालयों को अधिकतम छह महीने के अंदर वायवा कराना होगा। पहले छात्र थीसिस जमा करने के बाद सालभर डेढ़ साल तक वायवा के लिए चक्कर काटते रहते थे।
- – यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक शादी के चलते या अन्य कारणों से पीएचडी कर रही महिला दूसरी जगह जाती है और वहां के किसी संस्थान में पीएचडी जारी रखना चाहती है तो उसे अनुमति दी जाएगी। उन्हें बार-बार भाग कर अपने शहर पीएचडी पूरी करने के लिए नहीं आना पड़ेगा।
- – नए नियमों के मुताबिक ऐसे स्थायी अध्यापक जिनकी रिटायरमेंट में तीन साल बचे हैं वह शोध के लिए किसी छात्र का नामांकन नहीं करा सकते, हालांकि वह को-गाइड के रूप में अधिकतम 70 वर्ष तक पीएचडी करा सकते हैं।