नई दिल्ली। अल्पसंख्यक युवाओं की पढ़ाई-लिखाई को लेकर मोदी सरकार कुछ खास योजनाओं पर काम कर रही है। खास तौर से मुस्लिम छात्र-छात्राओं की पढ़ाई के लिए करीब आधा दर्जन छात्रवृत्ति योजनाएं चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले पांच साल में 5 करोड़ छात्रों को ‘प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति’ देने का एलान कर चुके हैं। यानी हर साल एक करोड़ अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की जिंदगी को खुशहाल बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी कह रहे हैं कि ‘3E’ यानी एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट और एम्पावरमेंट हमारा लक्ष्य है। इसके लिए हम पूरी तरह लगे हुए हैं। मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए ‘पढ़ो-बढ़ो’ अभियान चलाया जाएगा। हर योजना में सरकार की कुछ शर्तें होती हैं। ये शर्तें क्या हैं ये जानिए …
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मैट्रिक पूर्व स्कॉलरशिप योजना सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 10वीं में पढ़ रहे अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाती है। कम से कम 30 फीसदी स्कॉलरशिप छात्राओं के लिए है। इसके हकदार वैसे स्टूडेंट होते हैं जिनके अभिभावक की आय सालाना एक लाख रुपये से अधिक न हो। स्टूडेंट ने पिछली कक्षा में कम से कम 50 फीसदी नंबर हासिल किए हों।
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मेरिट-सह-साधन आधारित स्कॉलरशिप योजना के तहत मान्यता प्राप्त संस्थानों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए दी जाती है। इसमें भी 30 फीसदी छात्राओं के लिए निर्धारित है। इस स्कीम में व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए 85 संस्थान लिस्टेड हैं। जिनके लिए पाठ्यक्रम का पूरा खर्च दिया जाता है। इसका लाभ वही स्टूडेंट ले सकते हैं जिनके अभिभावक की सालाना आय ढाई लाख रुपये तक हो। साथ ही स्टूडेंट ने पिछली क्लास में कम से कम 50 फीसदी अंक प्राप्त किए हों।
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बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति, अल्पसंख्यक समुदायों की मेधावी छात्राओं को 9वीं से 12वीं क्लास तक के लिए दी जाती है। पात्र होने के लिए छात्राओं के माता-पिता की सालाना आय दो लाख रुपये तक होनी चाहिए। साथ ही छात्रा के नंबर पिछली क्लास में 50 फीसदी से कम नहीं होने चाहिए।
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मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति नियमित और पूर्णकालिक एम.फिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर रहे शोध छात्रों को प्रदान की जाती है। मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में पढ़ाई करने वाले इसका लाभ उठा सकते हैं। इसमें भी 30 फीसदी लड़कियों के लिए तय है। उसी स्टूडेंट को इसका लाभ मिलेगा जिनके अभिभावक की वार्षिक आय छह लाख रुपये से अधिक नहीं होगी।
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मैट्रिकोत्तर स्कॉलरशिप योजना के तहत स्कॉलरशिप सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों, कॉलेजों में कक्षा 11वीं से पीएचडी स्तर तक पढ़ रहे अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाती है। न्यूनतम 30 फीसदी स्कॉलरशिप लड़कियों के लिए तय है। इसका लाभ उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलेगा जिनके माता-पिता की वार्षिक आय दो लाख रुपये से अधिक न हो। साथ ही स्टूडेंट ने पिछली क्लास में कम से कम 50 फीसदी नंबर अर्जित किया हो।
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