नारायणपुर। विश्व्यापी महामारी कोरोना संक्रमण से हर तबके के लोग लड़ाई लढ़ रहे हैं, कोरोना के खिलाफ जंग में एक ऐसी दिव्यांग लड़की जो बोल नहीं सकती सुन नहीं सकती वह भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। दिव्यांग लड़की लीना जो जन्म से मूक-बधिर है उसके द्वारा बनाए गए रियूजेबल मॉस्क आज नारायणपुर जिले के हर कोने में रहने वाले जरूरतमंदों के काम आ रहे हैं। ये मॉस्क लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने में अपनी अलग भूमिका निभा रहे हैं।
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यह खबर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में स्थित गांव नाउमुंजमेटा की है। हर कोई सामान्य व्यक्ति कुछ न कुछ काम करता है, पर इसकी बात अलग है। वह दुनिया की सभी बातों से अन्जान है। लीना जन्म से ही बोल और सुन नहीं सकती लेकिन आज कोरोना महामारी से बचाने के लिए वह निःशुल्क मास्क बना रही है। लीना 23 वर्ष की हो चुकी है, पर वह नहीं जानती कोरोना वायरस क्या है। बस सिर्फ उसे पता है, कि कुछ ऐसी बीमारी तो है जो दिखती नहीं लेकिन उससे सब भयभीत हैं और उसके बचाव के लिए मुंह पर कपड़ा बाधें हुए हैं।
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मां ने उसको उसकी भाषा में ही समझाया और वह समझ गयी। आज यह दिव्यांग खुद ही जरूरतमंदों के लिए सहारा बनी हुई है। दिनभर में वह लगभग 75-80 मॉस्क बना लेती है। जो जिले के गांव-देहातों में जरूरतमंदों को दिए जा रहे हैं। यह बात जब जिला पंचायत के अधिकरियों को पता चली तो जिले के कलेक्ट्रर ने लीना के कार्य की सराहना करते हुए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश देकर, लीना द्वारा बनाए जा रहे मास्क को विहान योजना के अंतर्गत जरुरतमन्दों तक पहुंचाने का निर्देश दिया। वही अब लीना द्वरा बनाए जाने वाले मास्क पूरे जिले में कोरोना संक्रमण के बचाव में उपयोगी बन रहे हैं।
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