नई दिल्लीः Year Ender 2024 नए साल का काउंटडाउन शुरू हो गया है। महज कुछ ही दिनों में साल 2024 विदाई के साथ नए साल 2025 का आगाज हो जाएगा। साल 2024 से हम सबकी कुछ खट्टी-मिट्ठी यादें जुड़ी हुई है। इस साल हमने कई दिग्गजों को खोया है, जो भारत की शान थे। राजनीति हो या खेल या फिर फिल्म जगत.. कई स्वनाम धन्य लोग दुनिया को छोड़ अलविदा कह गए। चलिए जानते हैं, उन दिग्गजों के बारे में…
Year Ender 2024 बिहार के राजनीति के केंद्र कहे जाने वाले सुशील कुमार मोदी का निधन 13 मई को हुआ था। पांच दशकों तक बिहार की राजनीति में अलग-अलग भूमिका निभाने वाले सुशील कुमार मोदी बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री भी रहे हैं। वो कैंसर से जूझ रहे थे।
पूर्व उपमुख्यमंत्री जेपी आंदोलन की उपज माने जाते थे। सुशील कुमार 1990 में पटना केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 1995 और 2000 में भी वो इसी सीट से चुनाव जीते। साल 2004 में वो भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे। साल 2005 में उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दिया और विधान परिषद से निर्वाचित होकर उपमुख्यमंत्री बने।
अजित पवार गुट के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुंबई के बांद्रा ईस्ट में उनपर घात लगाकर गोलीबारी की गई, जिसमें उनकी मौत हो गई। बाबा की मौत के मामले राजनीतिक रंग भी ले लिया था। इसको लेकर तत्कालीन शिंदे सरकार भी सवालों के घेरे में रही। बाबा सिद्दीकी चार दशक से राजनीति में रहे। वो 16 साल की उम्र में ही कांग्रेस से जुड़ गए थे और 1999 से 2014 तक लगातार विधायक रहे। कुछ महीने पहले ही वो एनसीपी में आए थे। सियासत ही नहीं बाबा की बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ थी। बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी हमेशा चर्चा में रहती थी।
प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 साल की उम्र में 5 नवंबर को निधन हुआ था। उनके जाने से बिहार की लोक संस्कृति ने अपना एक अनमोल रत्न खो दिया। शारदा सिन्हा पद्मभूषण से सम्मानित थीं। बिहार से संबंध रखने वाली शारदा सिन्हा ने अपना पूरा जीवन लोक संगीत को समर्पित कर दिया। उनके गाए छठ के गीतों बिना तो यह पर्व अधूरा ही समझ जाता है। ऐसे में उनका दुनिया से चले जाना, लोक संगीत जगत के लिए बड़ी हानि रही। कैंसर की लंबी बीमारी के कारण शारदा सिन्हा का निधन हुआ।
गजल गायक पंकज उधास का निधन फरवरी माह की 26 तारीख को लंबी बीमारी के कारण हुआ। पंकज उधास के गजल कार्यक्रम और म्यूजिक एलबम देश, दुनिया में मशहूर रहे। ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’ जैसे कई और गजल गीतों से वह श्रोताओं के पसंदीदा गजल गायक बन गए थे। उधास के निधन की खबर सुन पूरी सिंगिंग इडस्ट्री समेत हर किसी की आंख नम हो गई थी। पंकज उधास ने 6 साल की उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था।
मशहूर शायर मुनव्वर राणा का निधन 71 साल की उम्र में 14 जनवरी को हुआ था। मुनव्वर का जन्म 26 नवंबर 1952 को यूपी के रायबरेली में हुआ था। मुनव्वर उर्दू के शायर थे, लेकिन वे अपनी शेरों में अवधी और हिंदी शब्दों का प्रयोग प्रमुखता से करते थे, जिस कारण उन्हें भारतीय लोगों की लोकप्रियता मिली। मुनव्वर उर्दू ही नहीं हिंदी और अवधी शब्दों का भी खूब इस्तेमाल करते थे, यही कारण था कि वो भारतीय के दिलों में राज करते थे। उनकी शायरी काफी लोकप्रिय थी।
ऋतुराज टीवी के जाने-माने अभिनेता थे। वह अधिकतर नेगेटिव रोल्स में ही सीरियल्स में नजर आते थे। फरवरी माह में ही कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हुआ। ऋतुराज ने टीवी सीरिल्स के अलावा फिल्मों और वेब सीरीज में भी काम किया है, दर्शकों पर अपने अभिनय की गहरी छाप छोड़ी थी।
कॉमेडियन अतुल परचुरे मराठी और हिंदी फिल्मों, धारावाहिकों में लंबे समय तक काम करते रहे। अक्टूबर 2024 में एक लंबी बीमारी के कारण उनका निधन हो गया। अतुल के अलावा इस साल टीवी एक्टर विकास सेठी के निधन की खबर भी आई। वहीं आमिर की फिल्म ‘दंगल’ में सुहानी भटनागर ने टीनएज बबीता फोगाट का रोल किया था। वह महज 19 साल की थी। जब खबर आई कि सुहानी इस दुनिया में नहीं रही तो यह खबर सुनकर आमिर खान को काफी बुरा लगा था। एक बीमारी के कारण सुहानी का निधन हुआ।
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भारत के सबसे बड़े उद्योग घराने टाटा समूह को ऊंचाईयों तक पहुंचाने वाले रतन टाटा ने हाल ही में दुनिया को अलविदा कहा। 9 अक्टूबर को उन्होंने अंतिम सांस ली। रतन टाटा न सिर्फ व्यापार जगत में बेहतरीन कार्य के लिए जाने जाते हैं, बल्कि समाज सेवा के लिए किए जाने वाले कार्यों के लिए भी उनकी खूब चर्चा होती है। रतन टाटा के नेतृत्व में ही टाटा समूह ने ब्रिटिश ऑटोमोटिव दिग्गज जगुआर और लैंड रोवर, अमेरिकी लक्जरी होटल चेन रिट्ज कार्लटन और इटली की एयरोस्पेस निर्माता पियाजियो का अधिग्रहण किया।
शास्त्रीय संगीत में भारत को अलग पहचान दिलाने वाले मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन (zakir hussain death) का आज निधन हो गया। वो 73 साल के थे। जाकिर ने 7 साल की उम्र में ही बड़े-बड़े कार्यक्रम में परफॉर्म करना शुरू कर दिया था। वो न सिर्फ महान तबला वादक थे, बल्कि उन्होंने कई फिल्मों के गानों को भी संगीत दिया था। हुसैन को कई पुरस्कार भी मिल चुके थे। वो चार ग्रैमी पुरस्कार, 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण पा चुके थे।
सुशील कुमार मोदी का निधन 13 मई 2024 को हुआ था। वे कैंसर से जूझ रहे थे।
बाबा सिद्दीकी की हत्या 12 अक्टूबर 2024 को मुंबई में गोली मारकर की गई थी।
शारदा सिन्हा एक प्रसिद्ध लोक गायिका थीं। उनका निधन 5 नवंबर 2024 को हुआ था।
पंकज उधास की गजल “चांदी जैसा रंग है तेरा” काफी प्रसिद्ध थी।
रतन टाटा ने टाटा समूह को ऊंचाइयों तक पहुंचाया और कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण किया, साथ ही समाज सेवा में भी सक्रिय रहे।