अगर आवश्यकता हुई तो तालिबान के साथ काम करने का रास्ता खुला है : बोरिस जॉनसन |

अगर आवश्यकता हुई तो तालिबान के साथ काम करने का रास्ता खुला है : बोरिस जॉनसन

अगर आवश्यकता हुई तो तालिबान के साथ काम करने का रास्ता खुला है : बोरिस जॉनसन

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 07:46 PM IST
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Published Date: August 21, 2021 6:03 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 21 अगस्त (भाषा) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि अफगानिस्तान में समाधान तलाशने के लिए ब्रिटेन के कूटनीतिक प्रयास जारी हैं, जिसमें ”यदि आवश्यक हुई” तो तालिबान के साथ काम करने का रास्ता भी खुला है।

क्षेत्र में जारी संकट पर चर्चा के लिए शुक्रवार को एक आपातकालीन ”कैबिनेट ऑफिस ब्रीफिंग रूम” (कोबरा) की बैठक के बाद जॉनसन ने मीडिया से कहा कि काबुल हवाई अड्डे से ब्रिटिश नागरिकों और समर्थकों को निकालने के लिए ”कठिन” चुनौतियां बनी हुई हैं, हालांकि स्थिति अब कुछ बेहतर हो रही है।

जॉनसन ने कहा, ” मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अफगानिस्तान के लिए समाधान तलाशने के हमारे राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयास जारी रहेंगे, ऐसे में निश्चित रूप से, अगर जरूरी हुआ तो तालिबान के साथ काम करना शामिल है। अफगानिस्तान के लिए हमारी प्रतिबद्धता स्थायी है।”

उन्होंने कहा, ” स्थिति थोड़ी बेहतर हो रही है और हम हवाई अड्डे पर स्थिरीकरण देख रहे हैं। कल (बृहस्पतिवार) हम लगभग 1,000 लोगों को और आज (शुक्रवार) को 1,000 और लोगों को बाहर निकालने में सक्षम रहे। ब्रिटेन आने के पात्र लोग इस देश में वापस आ रहे हैं और इनमें से बहुत से लोग अफगानिस्तान पुनर्वास और सहायता कार्यक्रम (एआरएपी) के तहत वापस आ रहे हैं जिनमें दुभाषिए और अन्य ऐसे हैं जिनके लिए हम कृतज्ञ हैं। यह अभियान तेज गति के साथ जारी रहेगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ” अभियान लगातार तेज हो रहा है, लेकिन मैं यह दिखावा नहीं करना सकता कि यह आसान है। आवागमन संबंधी कठिन चुनौतियां हैं।”

यह पूछे जाने पर कि क्या वे तालिबान की नई सत्ता द्वारा उदारता संबंधी शासन के वादे पर भरोसा करते हैं तो जॉनसन ने कहा, ” हम आशा करते हैं कि जैसा वह कह रहे हैं, उसका वही मतलब है। हालांकि, एक बार फिर मैं वहीं कहना चाहूंगा जो मैंने सदन में कहा था और मैं समझता हूं कि अमेरिका के राष्ट्रपति, फ्रांस के राष्ट्रपति, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, जिन सभी से मैंने बात की, हर कोई इस बात से सहमत है कि हम उनके कार्यों के अनुसार उन्हें परखेंगे।”

भाषा शफीक उमा

उमा

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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