महसा अमीनी की मौत की दूसरी बरसी से पहले ईरान में बिना हिजाब सड़कों पर दिखीं महिलाएं |

महसा अमीनी की मौत की दूसरी बरसी से पहले ईरान में बिना हिजाब सड़कों पर दिखीं महिलाएं

महसा अमीनी की मौत की दूसरी बरसी से पहले ईरान में बिना हिजाब सड़कों पर दिखीं महिलाएं

:   Modified Date:  September 14, 2024 / 06:41 PM IST, Published Date : September 14, 2024/6:41 pm IST

दुबई, 14 सितंबर (एपी) ईरान में महसा अमीनी की मौत और उसके बाद हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों की दूसरी बरसी से पहले शहरों में महिलाओं को बिना हिजाब पहने सड़कों पर निकलते देखना आम बात हो गई है।

हालांकि इस बढ़ते चलन के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है और न ही इसके बारे में कोई अध्ययन हुआ है।

सोशल मीडिया पर सामने आ रहीं वीडियो में महिलाओं और लड़कियों विशेष रूप से सूर्यास्त के बाद बाल खोलकर आते-जाते हुए देखा जा सकता है। देश के नए सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने चुनाव प्रचार के दौरान, धर्माचार पुलिस द्वारा महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने का वादा किया था। लेकिन देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (85) ने कहा था कि ‘पर्दा हटाने पर धार्मिक और राजनीतिक रूप से पाबंदी है।’

कुछ धार्मिक मुस्लिम महिलाओं के लिए उनके परिवार से बाहर किसी पुरुष के सामने सिर ढकना ईश्वर के समक्ष पवित्रता और विनम्रता का प्रतीक होता है। ईरान में, हिजाब – और कुछ लोगों द्वारा पहनी जाने वाली पूरी काली चादर – लंबे समय से एक राजनीतिक प्रतीक भी रही है।

अमीनी (22) की 16 सितंबर, 2022 को एक अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। उन्हें देश की धर्माचार पुलिस ने कथित तौर पर अधिकारियों की पसंद के अनुसार हिजाब नहीं पहनने के कारण गिरफ्तार कर लिया था।

अमीनी की मौत के बाद देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद कई महीनों तक चली सुरक्षा कार्रवाई में 500 से अधिक लोग मारे गए और 22,000 से अधिक लोग हिरासत में लिए गए।

आज, तेहरान के उत्तरी उपनगर में अमीर व्यक्तियों की कॉलोनियां हों या फिर दक्षिणी इलाकों में श्रमिकों के मोहल्ले हों, महिलाओं को सड़कों पर बिना हिजाब पहने निकलते देखा जा सकता है। यह विशेष रूप से शाम के समय शुरू होता है, हालांकि सप्ताह के अंतिम दिनों में सूर्यास्त से पहले भी महिलाओं को प्रमुख पार्कों में बाल खोले देखा जा सकता है।

तेहरान शरीफ विश्वविद्यालय की छात्रा अजादेह (25) ने कहा, ‘महसा अमीनी के कारण मुझमें हिजाब न पहनने का साहस आया है और हमें इसे एक उपलब्धि के रूप में संरक्षित करना होगा।’

उन्होंने कहा, “अगर वह (अमीनी) जिंदा होतीं, तो मेरी उम्र की होतीं।”

हालांकि ऐसी महिलाओं के लिए मुश्किलें भी कम नहीं हैं।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार सरकार ने उन निजी व्यवसायों की पहचान की है जहां महिलाएं बिना सिर ढके नजर आती हैं और निगरानी कैमरे लगे वाहनों से हिजाब न पहनने वाली महिलाओं की तलाश की जाती है ताकि उन पर जुर्माना लगाया जा सके और उनकी गाड़ियां जब्त की जा सकें।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सरकार ने 2024 के तेहरान अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले और किश द्वीप पर हिजाब न पहनने वाली महिलाओं की निगरानी के लिए हवाई ड्रोन का इस्तेमाल किया।

फिर भी कुछ लोगों का मानना ​​है कि मई में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के रूढ़िवादी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद जुलाई में पेजेशकियान के हाथ में देश की बागडोर आने पर हिजाब को लेकर तनाव कम हो रहा है।

अड़तिस वर्षीय पुस्तक विक्रेता हामिद ज़रीनजौई ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मौजूदा शांतिपूर्ण माहौल पेजेशकियान के पदभार संभालने के बाद कायम हुआ है।”

एपी जोहेब माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)