नेतन्याहू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले धुर दक्षिणपंथी नेता इतमार बेन ग्विर कौन हैं? |

नेतन्याहू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले धुर दक्षिणपंथी नेता इतमार बेन ग्विर कौन हैं?

नेतन्याहू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले धुर दक्षिणपंथी नेता इतमार बेन ग्विर कौन हैं?

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Modified Date: January 19, 2025 / 08:31 PM IST
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Published Date: January 19, 2025 8:31 pm IST

तेल अवीवी, 19 जनवरी (एपी) इजराइल के धुर दक्षिणपंथी नेता और सुरक्षा मंत्री इतमार बेन ग्विर ने रविवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और गाजा युद्धविराम समझौते को अस्वीकार कर दिया।

इतमार बेन ग्विर के इस्तीफे से हालांकि युद्ध विराम को कोई खतरा नहीं है लेकिन इसने नेतन्याहू की गठबंधन वाली सरकार को जरूर कमजोर किया है।

अगर अन्य दक्षिणपंथी सांसद ठीक बेन-ग्विर की तरह सरकार से नाता तोड़ लेते हैं तो प्रधानमंत्री अपना बहुमत खो सकते हैं, जिससे संभावित रूप से समय से पहले चुनाव कराने पड़ सकते हैं।

बेन ग्विर ने क्यों किया युद्ध विराम समझौते का विरोध?

युद्धविराम से युद्ध रुकेगा और गाजा में चरमपंथियों द्वारा बंधक बनाए गए दर्जनों बंधकों को मुक्त कराया जाएगा।

बेन ग्विर ने इस समझौते का विरोध इसलिए किया कि इसके लिए इजराइल को सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों को रिहा करना होगा और मिस्र के साथ गाजा की दक्षिणी सीमा से सैनिकों को वापस बुलाना पड़ेगा।

इस समझौते से गाजा में हमास के सत्ता में बने रहने की संभावना भी बनी रहेगी।

बेन ग्विर ने इस्तीफे से पहले कहा था कि युद्ध विराम ‘लापरवाही’ है और ‘‘इजराइल की सभी उपलब्धियों को बर्बाद कर देगा।’’

बेन ग्विर ने अपने पद पर रहते हुए देश के पुलिस बल का जिम्मा संभाला।

उन्होंने नेतन्याहू को गाजा में युद्ध के लिए आगे बढ़ाने को लेकर प्रोत्साहित किया था और हाल ही में युद्ध विराम के सभी प्रयासों को रोक दिया था।

बेन ग्विर को अतीत में नस्लवाद और आतंकवादी संगठन का समर्थन करने जैसे अपराधों के लिए आठ बार दोषी ठहराया जा चुका है।

एक युवा के रूप में बेन ग्विर के विचार इतने चरमपंथी थे कि सेना ने उन्हें अनिवार्य सैन्य सेवा से प्रतिबंधित कर दिया था।

बेन ग्विर ने एक वकील के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया और फलस्तीनियों के खिलाफ हिंसा के आरोपी चरमपंथी यहूदियों के लिए बचाव पक्ष के एक सफल वकील के रूप में मान्यता प्राप्त की।

बेन ग्विर के इस्तीफे से युद्धविराम को हालांकि कोई खतरा नहीं है और नेतन्याहू के पास अब भी सत्ता में बने रहने के लिए आवश्यक बहुमत है।

लेकिन अगर अन्य कट्टरपंथी नेता भी ऐसा करते हैं तो नेतन्याहू की सरकार गिर सकती है, जिससे समय से पहले चुनाव हो सकते हैं।

विपक्षी नेता यायर लैपिड हालांकि कह चुके हैं कि वह नेतन्याहू का समर्थन करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सरकार इस समझौते के कारण नहीं गिरे।

एपी जितेंद्र सुभाष

सुभाष

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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