(सैंड्रा पीटर और काई रीमर, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी)
सिडनी, छह अक्टूबर (द कन्वरसेशन) टेलीविजन पर कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) के बारे में ओप्रा विन्फ्रे के एक विशेष कार्यक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि हम, आप और ज्यादातर लोगों की रूचि अब एआई में है। एआई हर जगह है और चाहे हम इसका इस्तेमाल करें या न करें या फिर अपने रोजाना के कार्यों में इसे शामिल करें या न करें, लेकिन इससे हमारा संबंध रहेगा ही।
लेकिन आखिर एआई है क्या?
ज्यादातर लोगों को यह जानने की जरूरत नहीं है कि एआई कैसे काम करता है बल्कि उन्हें यह जानने की जरूरत है कि यह क्या कर सकता है।
हम एआई प्रणाली में बुनियादी तौर पर सात क्षमताएं देखतें हैं, जो अपने आप में एक-दूसरे से अलग होने के साथ-साथ अनूठी भी हैं। इनमें शामिल हैं: पहचानना, वर्गीकरण, पूर्वानुमान, सिफारिश, ऑटोमेशन, जेनरेशन और संवाद।
पहचानना:
सबसे बुनियादी चीज, एआई का वह प्रकार, जिसे हम आज उपभोक्ता उत्पादों में देख रहे हैं। पारंपरिक कोडिंग, जिसमें डेवलपर स्पष्ट रूप से यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि सिस्टम कैसे काम करता है, इसके ठीक विपरीत एआई इन पैटर्न को व्यापक डेटासेट से ‘सीखता’ है और जिससे यह कार्य कर पाता है।
एक बार सीख लेने के बाद, एआई पैटर्न की पहचान कर लेता है ठीक वैसे ही जैसे आप अपने चेहरे से अपना मोबाइल फोन अनलॉक कर लेते हैं।
वर्गीकरण:
एक बार जब एआई पैटर्न की पहचान कर लेता है तो हम उसे छोटी-छोटी भिन्नताओं का पता लगाने और उन्हें वर्गीकृत करने के लिए प्रशिक्षित कर सकते हैं। यह वह तरीका है जिससे आपका फोटो ऐप परिवार के सदस्यों के अनुसार एल्बम को व्यवस्थित करता है या फिर चेहरे पर मौजूद दागों को मिटा देता है। फोन कंपनियां और बैंक जब स्पैम व धोखाधड़ी वाले कॉल की पहचान कर लेते हैं तो एआई पर्दे के पीछे रहकर उनके वर्गीकरण का काम करता है।
पूर्वानुमान:
एआई को जब पिछले आंकड़ों को लेकर प्रशिक्षित किया जाता है तो इसका उपयोग भविष्य में होने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए विमानन कंपनियां अपनी आने वाली उड़ानों के अनुमानित समय की भविष्यवाणी करती है और यात्रियों को पल-पल की जानकारी देती है ताकि आपको टर्मिनल पर प्रतीक्षा न करनी पड़े।
इसी तरह गूगल फ्लाइट्स, विमानन कंपनियों की घोषणा से पहले ही उड़ान में देरी की भविष्यवाणी करने के लिए एआई का उपयोग करता है।
सिफारिश:
हम जब यह पता लगा लेते हैं तो हमें आगे क्या करना है इसके लिए सिफारिश कर सकते हैं। एआई आधारित सिफारिशें हर जगह हैं। सोशल मीडिया, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, डिलीवरी सेवाएं और शॉपिंग ऐप सभी आपकी पिछली गतिविधियों का उपयोग कर आपको ‘आपके लिए’ उपयुक्त पेज दर्शाते हैं।
ऑटोमेशन:
यह पूर्वानुमान और सिफारिशों से लेकर ऑटोमेशन तक का एक छोटा सा सफर है। जर्मनी में बड़ी-बड़ी पवन चक्कियों से चील को सुरक्षित रखने के लिए एआई का उपयोग किया जाता है। एआई एल्गोरिदम पक्षियों की पहचान करता है और खुद ब खुद पवन चक्कियों की गति को धीमा कर देता है, जिससे वे (पक्षी) बिना किसी नुकसान के गुजर जाते हैं।
जेनरेशन:
एआई की मदद से जब हम जटिल पैटर्न को ‘न्यूरल नेटवर्क’ में एनकोड कर लेते हैं तो हम इसका उपयोग नये, समान पैटर्न बनाने के लिए भी कर सकते हैं। यह सभी प्रकार के डेटा इमेज, टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो के साथ काम करता है। इसमें इमेज जेनरेशन से लेकर चैटजीपीटी का उपयोग शामिल है, जिसमें तस्वीर में बदलाव कर या फिर ऑडियो व वीडियो में आवाज से लेकर बहुत सी चीजों को बदला जा सकता है।
संवाद:
जेनरेटिव एआई मानव बातचीत की नकल करना भी संभव बनाता है। जल्द ही, वर्चुअल असिस्टेंट और ‘डिजिटल ह्यूमन’ हर जगह होंगे, जो नोट्स लेने के साथ-साथ आपकी बैठकों या मुलाकात के फॉलो-अप के बारे में आपको सूचित करेंगे।
(द कन्वरसेशन) जितेंद्र सुभाष
सुभाष
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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