दोहा, 27 जनवरी (एपी) तालिबान के एक राजदूत ने सोमवार को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो की टिप्पणी पर आपत्ति जताई जिन्होंने कहा था कि वह अमेरिकी नागरिकों को हिरासत में रखने के लिए अफगानिस्तान के शासकों पर इनाम की घोषणा करेंगे।
पिछले सप्ताह अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच कैदियों की अदला-बदली में तालिबान के एक सदस्य खान मुहम्मद के बदले दो अमेरिकियों को रिहा किया गया था।
अमेरिकी नागरिक रयान कॉर्बेट और विलियम मैकेंटी को रिहा करने का समझौता जो बाइडन का राष्ट्रपति कार्यकाल खत्म होने से पहले ही किया गया था। लेकिन दो और अमेरिकी, जॉर्ज ग्लीजमैन और महमूद हबीबी अब भी तालिबान की हिरासत में हैं। तालिबान ने यह नहीं बताया है कि कितने विदेशी नागरिक अफगानिस्तान की जेलों में बंद हैं।
रुबियो ने शनिवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने सुना है कि तालिबान ने और ज्यादा अमेरिकी नागरिकों को बंधक बना रखा है।’’
उन्होंने कहा कि अगर यह सच है, तो अमेरिका तालिबान के शीर्ष नेताओं को पकड़े जाने के लिए ओसामा बिन लादेन से भी ज्यादा इनाम की घोषणा करेगा।
कतर में तालिबान के राजदूत सुहैल शाहीन ने कहा कि अफगान सरकार की नीति बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों को हल करना है। उन्होंने रुबियो के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘दबाव और आक्रामकता के सामने, हाल के दशकों में अफगान राष्ट्र का जिहाद एक सबक है जिससे सभी को सीखना चाहिए।’’
तालिबान ने दो दशकों तक अमेरिका और नाटो सेनाओं से लड़ाई लड़ी, अंततः अगस्त 2021 में विदेशी सैनिकों को अफगानिस्तान छोड़ना पड़ा। शाहीन अफगानिस्तान के लिए शांति समझौता सुनिश्चित करने को लेकर दोहा में तालिबान की वार्ता टीम का हिस्सा थे।
शाहीन ने कहा कि हाल में एक अन्य विदेशी नागरिक डेविड लैवरी (कनाडा) की अफगान जेल से रिहाई ‘‘मित्र देश’’ कतर की मध्यस्थता और ऐसे मामलों पर तालिबान सरकार के साथ सकारात्मक बातचीत के माध्यम से हुई।
एपी आशीष अविनाश
अविनाश
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)