(मानस प्रतिम भुइयां एवं ललित के झा)
(तस्वीरों के साथ जारी)
वाशिंगटन, सात नवंबर (भाषा) अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जनवरी में सत्ता का शांतिपूर्ण एवं व्यवस्थित हस्तांतरण सुनिश्चित करने का बृहस्पतिवार को संकल्प लिया और लोगों से चुनाव परिणामों को स्वीकार करने की अपील की।
बाइडन ने 78 वर्षीय ट्रंप के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के एक दिन बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में यह टिप्पणी की। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार एवं निवर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराया और इसी के साथ वह अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुने गए।
बाइडन ने कहा कि उन्होंने ट्रंप और हैरिस से बात की।
बाइडन ने कहा, ‘‘मैंने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को सत्ता के शांतिपूर्ण और व्यवस्थित हस्तांतरण का आश्वासन दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी लोग इसी के हकदार हैं।… 200 से अधिक वर्षों से अमेरिका ने विश्व के इतिहास में स्वशासन का सबसे बड़ा प्रयोग किया है।’’
उन्होंने कहा कि लोग मतदान करते हैं और अपने नेताओं को चुनते हैं और वे यह काम शांतिपूर्वक तरीके से करते हैं।
बाइडन ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में लोगों की इच्छा हमेशा सर्वोपरि होती है।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह चुनाव अमेरिकी चुनाव प्रणाली की शुचिता पर उठे सवाल को समाप्त कर देगा।
बाइडन ने कहा, ‘‘उन्होंने (अमेरिकियों ने) नागरिकों के रूप में अपना कर्तव्य निभाया, मैं राष्ट्रपति के रूप में अपना कर्तव्य निभाऊंगा। मैं अपनी शपथ पूरी करूंगा और संविधान का सम्मान करूंगा। हम 20 जनवरी को यहां अमेरिका में शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण करेंगे।’’
बाइडन ने कहा कि उनका प्रशासन अमेरिका को दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर छोड़कर सत्ता से जा रहा है।
बाइडन ने हैरिस के बारे में कहा, ‘‘वह एक साझेदार और एक जनसेवक रही हैं। उन्होंने एक प्रेरणादायक चुनाव प्रचार अभियान चलाया।… उनका चरित्र बहुत बढ़िया और सच्चा है।’’
उन्होंने अमेरिकियों से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आप चाहे किसी को भी वोट दें, आपको एक-दूसरे को विरोधी के रूप में नहीं बल्कि साथी अमेरिकी के रूप में देखना चाहिए।’’
बाइडन ने ये टिप्पणियां ऐसे समय में की हैं जब राष्ट्रपति पद के चुनाव के कड़े मुकाबले के परिणाम आने के बाद अमेरिका दो समूहों में बंटा दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘असफलताएं अपरिहार्य हैं, लेकिन हार मान लेना अक्षम्य है।’’
भाषा सिम्मी वैभव
वैभव
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