वाशिंगटन, 18 अक्टूबर (भाषा) अमेरिका ने ईरानी तेल परिवहन मामले में एक हुती नेटवर्क से कथित संबंध के चलते 18 कंपनियों और लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंधित लोगों में दो भारतीय भी शामिल हैं।
आरोप है कि इस तेल के परिवहन से अर्जित राजस्व से हुती संगठन को इजराइल पर हमले करने और लाल सागर क्षेत्र में पोत परिवहन को बाधित करने में मदद मिलती है।
इस संबंध में बृहस्पतिवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि अमेरिकी वित्त विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर-कुद्स बल समर्थित हुती के वित्तीय अधिकारी सैद अल जमाल और उसके नेटवर्क से संबंध रखने के चलते संबंधित कंपनियों और अवैध तेल परिवहन में शामिल जहाजों के कप्तानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
प्रतिबंधित 18 कंपनियों में मार्शल द्वीप-पंजीकृत ‘चांगताई शिपिंग एंड मोशनविगेशन्स लिमिटेड’ और संयुक्त अरब अमीरात आधारित ‘इंडो गल्फ शिप मैनेजमेंट’ भी शामिल हैं।
वित्त विभाग के अनुसार, प्रतिबंधित किए गए दो भारतीय नागरिक ‘इंडो गल्फ शिप मैनेजमेंट’ से जुड़े हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया कि संयुक्त अरब अमीरात और भारत में रहने वाले भारतीय नागरिक राहुल रतनलाल वारिकू ‘इंडो गल्फ शिप मैनेजमेंट’ के प्रबंध निदेशक हैं। उन्होंने ‘सेफ सीज शिप मैनेजमेंट’ और ‘ऑरम शिप मैनेजमेंट’ कंपनियों में प्रबंधक की भूमिका में भी काम किया है, जो ईरान के रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बल के रसद विभाग तथा अल-जमाल नेटवर्क के लिए ईरानी तेल परिवहन में शामिल रही हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार, हांगकांग और भारत में रहने वाले भारतीय नागरिक दीपांकर मोहन केओट ‘इंडो गल्फ शिप मैनेजमेंट’ के तकनीकी प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में, वह कंपनी के अंतर्गत आने वाले जहाजों के बजट और व्यय सहित पोत संचालन की निगरानी का दायित्व देखते हैं।
इसमें कहा गया कि प्रतिबंधों के तहत संबंधित कंपनियों और लोगों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
इस क्रम में जहाज के कप्तान अली बरखोरदार और वाहिद उल्ला दुर्रानी पर भी अल-जमाल नेटवर्क को वित्तीय या तकनीकी सहायता प्रदान करने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
पवनेश
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