नई दिल्ली। लद्दाख में खलल डालने के बाद भारत और चीन के बीच तनाव खत्म नहीं हो रहा है। इस बीच खबर है कि अमेरिका ने दुनिया का सबसे घाटक परमाणु बॉम्बर B2 Spirit Stealth Bombers को डियागो गार्सिया में तैनात किया है। एक बॉम्बर अपने साथ 16 परमाणु बम ले जा सकता है और एक बार उड़ान भरने के बाद यह पूरे चीन को निशाना बना सकता है।
पढ़ें- 67,000 नए कोरोना पॉजिटिव के साथ देश में संक्रमितों की संख्या 23 लाख 96 हजार के पार, 942 ने तोड़ा दम
भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच सहमति के बाद भी चीन पैंगोंग झील और देपसांग इलाके से अपनी सेना को पीछे हटा नहीं रहा है। यही नहीं चीन भारत की सीमा से लगे अपने इलाके में नए हवाई ठिकाने बना रहा है। यही नहीं चीन ने लद्दाख के पास स्थित अपने सैन्य ठिकाने पर अपनी परमाणु मिसाइल DF-26 को तैनात कर दिया है। चीन की इस जोरदार सैन्य तैयारी का करारा जवाब देने के लिए अब अमेरिका भी अपने मित्र भारत की मदद के लिए साथ आता दिख रहा है। अमेरिका ने भारत के बेहद करीब स्थित अपने नौसैनिक अड्डे डियागो गार्सिया पर परमाणु बम गिराने में सक्षम बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैं।
पढ़ें- करीना कपूर ने दी गुड न्यूज, दूसरी बार बनने वाली हैं..
अमेरिका के इंडो-पैसफिक कमान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तीन B-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर डियागो गार्सिया में तैनात किए गए हैं। ये विमान करीब 29 घंटे की यात्रा करके अमेरिका के मिसौरी एयरफोर्स बेस से डियागो गार्सिया पहुंचे हैं। अमेरिका ने कहा कि 29 घंटे की यह यात्रा यह दर्शाती है कि अमेरिका अपने दोस्तों और सहयोगियों की मदद के लिए बेहद घातक और लंबी दूरी तक किसी भी समय और कहीं भी हमला करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यूएस एयरफोर्स के कमांडर कर्नल क्रिस्टोफर कोनंत ने कहा, ‘हम डियागो गार्सिया जैसी महत्वपूर्ण जगह पर आकर बहुत रोमांचित महसूस कर रहे हैं।’
पढ़ें- ब्यूटी विद ब्रेन, जानिए IPS नवजोत सिमी के बारे में,..
कमांडर कोनंत ने कहा कि यह बॉम्बर टॉस्कफोर्स हमारी नैशनल डिफेंस स्ट्रेटजी का हिस्सा है। हम (हिंद महासागर में) अपने दोस्तों और सहयोगियों के साथ रिश्तों को मजबूत करने के साथ-साथ अपने हमला करने की धार को और ज्यादा तेज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बाद भी एयरफोर्स इंडो-पैसफिक इलाके में सहयोग करने और रक्षा मंत्रालय के देश के रणनीतिक लक्ष्यों का हासिल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। बता दें कि अमेरिका का स्ट्रेटजिक कमान अक्सर B-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर को खतरे और जरूरत के हिसाब से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में तैनात करता रहा है।
पढ़ें- चौकाने वाला दावा, माउथवॉश से कुल्ला करने पर कोरोना का खतरा होगा कम
आपको बता दें लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीनी सेना के बीच तनातनी जारी है लेकिन इन दिनों चीन की टेंशन बढ़ गई है। भारत के 5 राफेल से डरकर चीन ने अपने होतान एयरबेस पर 36 बमवर्षक विमान उतार दिये हैं। एलएसी के नजदीक चीन के होतान एयरबेस में गजब की हलचल है, ऐसा लग रहा है कि चीन ने अपने सारे फाइटर जेट्स की तैनाती यहीं कर दी है।
पढ़ें- महासमुंद में जब्त करीब डेढ़ करोड़ के ब्राउन शुग…
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर चीन में हलचल मची क्यों है? ये हलचल मचाई है भारत के राफेल ने जिसके आते ही चीन टेंशन में आ गया है। राफेल के आते ही सारा खेल और सारे समीकरण बदल गए हैं। 28 जुलाई को चीन ने आनन फानन में अपने 36 फाइटर जेट्स की तैनाती होतान एयरबेस पर कर दी। इन फाइटर जेट्स में 24, J-11 बमबर्षक हैं, जो रूस में बने हैं, 6 पुराने J-8 फाइटर जेट्स हैं. 2 Y-8G transports जेट्स हैं. 2 KJ-500 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एयरक्राफ्ट और 2 MI-17 हेलीकॉप्टर की भी तैनाती की गई है।
पढ़ें- PM किसान सम्मान निधि की छठी किश्त खाते में आई या नहीं.. ऐसे करें चेक
अगर राफेल से पहले वाली स्थिति की बात करें तो होस्टन में उससे पहले भी चीन के बमवर्षक थे, लेकिन सिर्फ 12 की तैनाती की गई थी जिसे अब बढ़कर 36 कर दिया गया है। यह करीब 300 फीसदी का इजाफा है। चीन को ये भी पता है कि होतान से उसके सारे विमान उड़कर वार करने में सक्षम नहीं है। भले ही आप सुनते आये हों कि चीन की फौजी ताकत दूसरे देशों के मुकाबले बहुत ज्यादा है लेकिन हकीकत ये है कि इस रीजन में जिसे Xinjiang region कहा जाता है, मुश्किल टैरेन की वजह से उसके पास ढंग की एअर स्ट्रिप नहीं हैं।
पढ़ें- कोरोना ड्यूटी के लिए PPE किट मांगा तो मिली गायब कर देने की धमकी, मे…
युद्ध की स्थिति में चीन के बमबर्षक सिर्फ होतान एयरबेस से ही उड़ान नहीं भरेंगे, वो काशगर और नगारी कुंशा एयरबेस से भी उड़ान भर सकते हैं। लेकिन लद्दाख से काशगर की दूरी 350 किलोमीटर और नगारी कुशां से 190 किलीमीटर है। चीन के बमवर्षक उतनी दूर से जब आएंगे तो भारत बड़े आराम से उनसे निपट लेगा। लद्दाख में एयर डिफेंस सिस्टम ऐसी ही परिस्थिति के लिए लगा है।
पढ़ें- खुशखबरी, ग्रेच्युटी की अवधि 1 साल करने का हो सकता है ऐलान, कैसे होत…
चीन के फाइटर जेट्स विमान राफेल की तरह हवा में 12-12 घंटे नहीं उड़ सकते। कहने का मतलब ये कि भारत के पांच राफेल भी उसका सारा प्लान फेल करने का दमखम रखते हैं, और मिग-29K और सुखोई जैसे फाइटर जेट्स तो पहले से ही लद्दाख में तैनात हैं। अब अगर रडार सिस्टम की भी बात करें तो भारत ने तय किया है कि एलएसी पर रोहिणी नाम के रडार की तैनाती होगी। डीआरडीओ खासतौर पर इसे भारतीय सेना के लिए बना रही है। 6 वेपन लोकेटिंग स्वाति रडार, पहले ही एलएसी पर दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रख रहा है।
पढ़ें- ‘मोदी है तो मुमकिन है’, राहुल गांधी ने ट्वीट कर शेयर किया पोस्ट.. द…
हालांकि राफेल आने के बाद चीन अपने लोगों के बीच ढिंढोरा पीट रहा है कि उसके J-20 stealth fighter राफेल से बेहतर हैं। यह सोचने वाली बात है कि अगर यह सच है तो आखिरकार सीमा पर चीन इतना डरा हुआ क्यों लग रहा है।