पाक में मौजूद अफगान शरणार्थियों को अपने यहां ले जाने को अमेरिका प्रतिबद्ध: विदेश कार्यालय |

पाक में मौजूद अफगान शरणार्थियों को अपने यहां ले जाने को अमेरिका प्रतिबद्ध: विदेश कार्यालय

पाक में मौजूद अफगान शरणार्थियों को अपने यहां ले जाने को अमेरिका प्रतिबद्ध: विदेश कार्यालय

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Modified Date: January 23, 2025 / 10:48 PM IST
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Published Date: January 23, 2025 10:48 pm IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 23 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका पाकिस्तान में बड़ी संख्या में रह रहे अफगान शरणार्थियों को अपने यहां ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

नए ट्रंप प्रशासन द्वारा 27 जनवरी से कम से कम तीन महीने के लिए अमेरिकी शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम को स्थगित किए जाने के कुछ दिन बाद पाकिस्तान की यह टिप्पणी सामने आई है।

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफाकत अली खान ने कहा, ‘‘हमारी अमेरिका के साथ एक सहमति है जिसके तहत वह इस वर्ष सितंबर तक बड़ी संख्या में अफगानों को पुनर्वास के लिए पाकिस्तान से अमेरिका ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

उन्होंने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि ‘‘यह व्यवस्था अब तक लागू है’’।

खान ने कहा कि पाकिस्तान अफगान शरणार्थियों के संबंध में अपनी मौजूदा नीतियों को लागू करना जारी रखेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में रहने वाले अफगानों के प्रति नीति में बदलाव की कोई योजना नहीं है।

समाचार एजेंसी ‘एपी’ के अनुसार, अनुमानतः 15,000 अफगान नागरिक पाकिस्तान में अमेरिकी सरकार के कार्यक्रम के माध्यम से अमेरिका में पुनर्वास के लिए मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

यह कार्यक्रम तालिबान के शासन में खतरे में पड़े अफगानों की मदद के लिए बनाया गया था।

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए नए अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के सिद्धांत के आधार पर अमेरिका के साथ मजबूत और सुदृढ़ संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

प्रवक्ता ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण का स्वागत किया और इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंध महत्वपूर्ण हैं तथा इनमें कई क्षेत्र शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इन संबंधों को जारी रखने के लिए तत्पर हैं।’’

प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगान अधिकारियों पर इन चिंताओं का समाधान करने के लिए दबाव बनाना जारी रखेगा ताकि द्विपक्षीय संबंध तेजी से आगे बढ़ सकें।

खान ने प्रतिबंधित आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) को समर्थन देने के दावों से भी इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम आईएसआईएस को समर्थन देने संबंधी अफगानिस्तान के आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं। हम अफगान प्रशासन से टीटीपी के आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने का आग्रह करते हैं।’’

उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान सिंधु जल संधि के पूर्ण क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत भी इस संधि को सद्भावनापूर्वक और पूरी तरह से लागू करेगा।

खान ने जारी संघर्षविराम के दौरान गाजा पर इजराइली सेना के नए हमलों की भी निंदा की और संघर्षविराम समझौते के बावजूद हिंसा में वृद्धि को लेकर पाकिस्तान की ओर से कड़ा विरोध जताया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप गाजा के पुनर्निर्माण के लिए एक ठोस योजना विकसित करने का आग्रह करते हैं।’’

भाषा

देवेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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