वाशिंगटन, 25 अक्टूबर (एपी) अमेरिका में बच्चों की फर्जी नग्न और अश्लील तस्वीरें बनाने के अनेक मामले सामने आने के बीच कानून प्रवर्तन एजेंसियां कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक की मदद से ऐसे लोगों की धरपकड़ कर रही हैं।
न्याय विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे एआई तकनीक का इस्तेमाल कर इस तरह की तस्वीरें बनाने वाले अपराधियों का पता लगा रहे हैं। राज्य प्रशासन इस तरह की ‘डीपफेक’ तकनीक वाली फर्जी तस्वीर बनाने वालों पर अपने अपने कानूनों के तहत मुकदमों की कार्रवाई कर रहे हैं।
न्याय विभाग के बाल शोषण और अश्लील सामग्री खंड के प्रमुख स्टीवन ग्रोस्की ने ‘एपी’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमें यह संकेत जल्द देना होगा कि यह एक अपराध है और लगातार यह संदेश देते रहना होगा कि इसकी जांच की जाएगी और अगर सबूत मिले तो मुकदमा चलाया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप सोच रहे हैं कि ऐसा नहीं होगा तो आप गलत हैं। थोड़ा समय जरूर लग सकता है लेकिन आरोपियों को जवाबदेह जरूर ठहराया जाएगा।’’
न्याय विभाग के अनुसार इस तरह की सामग्री के खिलाफ मौजूदा संघीय कानूनों में स्पष्ट प्रावधान हैं और हाल में सामने आया इस तरह का एक मामला एआई से बच्चों की काल्पनिक तस्वीर (जो वास्तविक नहीं हैं) बनाने का पहला मामला हो सकता है।
एक अन्य मामले में संघीय अधिकारियों ने अगस्त में अलास्का में एक अमेरिकी जवान को गिरफ्तार किया था, जिस पर अपनी जान पहचान वाले बच्चों की तस्वीरों को एआई चैटबोट के माध्यम से अश्लील बनाने का आरोप है।
वेंचुरा काउंटी, कैलिफोर्निया जिला अटॉर्नी एरिक नासारेन्को ने कहा, ‘‘हम कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में एक ऐसी प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से हमसे कहीं अधिक तेजी से आगे बढ़ रही है।’’
एपी वैभव नरेश
नरेश
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