कराची, 17 सितंबर (भाषा) पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हाल में दो हिंदू लड़कियों का उनके घरों से अपहरण कर लिया गया। हिंदू समुदाय के नेताओं ने यह जानकारी दी और हिंदू लड़कियों के “अपहरण” और “जबरन धर्मांतरण” की घटनाओं पर लगाम के लिए ठोस सुरक्षा उपाय करने की मांग की।
सिंध के हैदराबाद शहर में रहने वाले हिंदू नेता शिवा काची ने कहा, “हमें लगभग हर हफ्ते प्रांत के विभिन्न हिस्सों से ऐसी घटनाओं की जानकारी मिल रही है और किसी को कोई परवाह नहीं है। हिंदू समुदाय बहुत डरा हुआ है।”
काची ‘पाकिस्तान दारेवर इत्तेहाद’ नामक संगठन के प्रमुख हैं, जो उन अपहृत हिंदू लड़कियों की बरामदगी के लिए अभियान चला रहा है, जिन्हें कथित तौर पर इस्लाम कबूल करने और कई मामलों में खुद से कहीं अधिक उम्र के मुस्लिम पुरुषों से निकाह करने के लिए मजबूर किया गया।
उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में खैरपुर और मीरपुरखास से दो मामले सामने आए हैं, जिनमें सशस्त्र लोगों ने दो हिंदू लड़कियों को उनके घर से अगवा कर लिया।
काची के मुताबिक, पहले मामले में एक मुस्लिम युवक ने दावा किया कि खैरपुर की 16 वर्षीय हिंदू किशोरी उसके साथ भाग गई और इस्लाम कबूल करने के बाद उसके साथ निकाह रचा लिया।
उन्होंने पाकिस्तान सरकार और प्रांतीय प्राधिकारियों से हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय करने की मांग की।
हैदराबाद शहर के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कुमार ने दावा किया कि लड़कियों के अपहरण से जुड़े मामलों में पुलिस सहयोग नहीं करती और पीड़ित परिवारों की प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर देती है।
उन्होंने आरोप लगाया, “कुछ मौलवियों, पुलिसकर्मियों और प्रभावशाली मुसलमानों के बीच सांठगांठ है, जिसका खामियाजा हिंदू समुदाय को उठाना पड़ता है।”
हिंदुओं के अलावा अहमदिया अल्पसंख्यकों ने भी पाकिस्तान में भेदभाव और अन्याय का सामना करने का दावा किया। मंगलवार को कराची की शाह फैजल कॉलोनी में एक अहमदिया परिवार के निर्माणाधीन मकान में तोड़फोड़ की गई।
परिवार से जुड़े शाहिद अहमद ने कहा, “सब कुछ ठीक था। हम पिछले कुछ महीनों से घर के निर्माण में जुटे हैं, लेकिन कल किसी ने अफवाह उड़ा दी कि हम इबादत स्थल बना रहे हैं। इसके बाद आज भीड़ आई और निर्माणाधीन मकान को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।”
भाषा पारुल अविनाश
अविनाश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)