ट्रंप भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे: पूर्व अमेरिकी अधिकारी |

ट्रंप भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे: पूर्व अमेरिकी अधिकारी

ट्रंप भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे: पूर्व अमेरिकी अधिकारी

:   Modified Date:  November 15, 2024 / 12:22 PM IST, Published Date : November 15, 2024/12:22 pm IST

वाशिंगटन, 15 नवंबर (भाषा) व्हाइट हाउस में अहम पद पर सेवाएं दे चुकीं एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के प्रति अच्छी भावनाएं रखते हैं और उनके पहले कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के संबंधों में जो प्रगति हुई थी, वह उसे वहीं से आगे बढ़ाने की दिशा में कदम उठा सकते हैं।

ट्रंप की पूर्व उप सहायक और 2017 से 2021 तक दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ निदेशक पद पर सेवाएं दे चुकीं लीजा कर्टिस ने यह बात कही।

कर्टिस ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप भारत के साथ संबंधों को वहीं से आगे बढ़ाएंगे जहां उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में छोड़े थे। वह भारत के प्रति अच्छी भावनाएं रखते हैं और मैं वास्तव में इसे रिश्ते को आगे बढ़ाने और साझेदारी को मजबूत करने के अवसर के रूप में देखती हूं।’’

उन्होंने कहा कि ट्रंप के पहले कार्यकाल (2017-2021) के दौरान भारत के महत्व और चीन की चुनौतियों से निपटने में उसकी भूमिका के कारण अमेरिका-भारत संबंधों में सुधार हुआ।

कर्टिस ने कहा कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और उनके बीच व्यक्तिगत संबंध भी हैं।

कर्टिस वर्तमान में थिंकटैंक ‘सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी’ में वरिष्ठ फेलो और हिंद प्रशांत सुरक्षा कार्यक्रम की निदेशक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री मोदी ने ह्यूस्टन के एस्ट्रोडोम में 50,000 अमेरिकियों को संबोधित किया था और जब राष्ट्रपति ट्रंप ने अहमदाबाद के एक स्टेडियम में 1,00,000 भारतीयों को संबोधित किया था तो हमें उनके बीच संबंधों की झलक दिखाई दी थी।’’

कर्टिस ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में पाकिस्तान पर नीतियों में कोई बड़ा बदलाव आएगा, साथ ही किसी को भी उनकी अफगान नीति में भी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

कर्टिस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत को रूसी सैन्य साजो सामान पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए मनाने की कोशिश जारी रखेगा।

भाषा शोभना वैभव

वैभव

 

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