वाशिंगटन, 20 जनवरी (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह एक बार फिर देश को ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकालेंगे।
उनकी इस घोषणा से वैश्विक तापमान वृद्धि से निपटने के लिए दुनिया भर के प्रयासों को झटका लगेगा और एक बार फिर अमेरिका अपने सबसे करीबी सहयोगियों से दूर हो जाएगा।
ट्रंप के सोमवार को दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के समय व्हाइट हाउस की यह घोषणा 2017 में ट्रंप की कार्रवाइयों की याद दिलाती है, जब उन्होंने घोषणा की थी कि अमेरिका वैश्विक पेरिस समझौते से बाहर हो जाएगा।
पेरिस जलवायु समझौते का मुख्य दीर्घकालिक लक्ष्य पूर्व औद्योगिक स्तर से वैश्विक तापमान को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे, और यदि संभव हो तो इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखना है।
वर्ष 2015 का पेरिस समझौता स्वैच्छिक है और यह देशों को कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस के जलने से ग्रीनहाउस गैसों के अपने उत्सर्जन में कटौती करने के लिए लक्ष्य प्रदान करने की अनुमति देता है।
पिछले महीने निवर्तमान जो बाइडन प्रशासन ने 2035 तक अमेरिका के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 60 प्रतिशत से अधिक की कटौती करने की योजना पेश की थी।
यूरोपीय जलवायु फाउंडेशन के सीईओ और पेरिस समझौते के एक प्रमुख वास्तुकार लॉरेंस टुबियाना ने समझौते से अमेरिका के बाहर होने की योजना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया लेकिन कहा कि जलवायु परिवर्तन को धीमा करने की कार्रवाई ‘किसी भी एक देश की राजनीति और नीतियों से अधिक मजबूत है।’
एपी नरेश आशीष
आशीष
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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