ट्रंप राष्ट्रपति बनने के लिए अयोग्य हैं: कमला हैरिस |

ट्रंप राष्ट्रपति बनने के लिए अयोग्य हैं: कमला हैरिस

ट्रंप राष्ट्रपति बनने के लिए अयोग्य हैं: कमला हैरिस

:   Modified Date:  October 24, 2024 / 10:58 AM IST, Published Date : October 24, 2024/10:58 am IST

(ललित के. झा)

वाशिंगटन, 24 अक्टूबर (भाषा) अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस ने अपने प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देश का नेतृत्व करने के लिए “अयोग्य” हैं।

हैरिस ने वाशिंगटन में अपने आधिकारिक आवास पर बुधवार को पत्रकारों से कहा, “कल हमें पता चला कि डोनाल्ड ट्रंप के चीफ ऑफ स्टाफ रहे जॉन केली ने इस बात की पुष्टि की है कि ट्रंप जब राष्ट्रपति थे तब वह चाहते थे कि उनके पास वैसे जनरल हों, जैसे एडॉल्फ हिटलर (जर्मन तानाशाह) के पास थे।”

उन्होंने कहा, “ट्रंप ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह नहीं चाहते कि सेना अमेरिकी संविधान के प्रति निष्ठावान हो। वह ऐसी सेना चाहते हैं जो उनके प्रति वफादार हो। वह ऐसी सेना चाहते हैं जो व्यक्तिगत रूप से उनके प्रति निष्ठावान हो, जो उनके आदेश माने, चाहे इसके लिए उसे उनके कहने पर कानून तोड़ना पड़े या अमेरिकी संविधान के प्रति अपनी शपथ का उल्लंघन करना पड़े।”

हैरिस ने कहा, “बीते सप्ताह के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने देशवासियों को बार-बार अंदरूनी दुश्मन कहा और यह तक कहा कि वह अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल करेंगे। ”

इससे एक दिन पहले केली ने ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ को दिए साक्षात्कार में कहा था, “निश्चित रूप से, पूर्व राष्ट्रपति (ट्रंप) दक्षिणपंथी विचारधारा के हैं, वे निश्चित रूप से एक सत्तावादी हैं, तानाशाहों की प्रशंसा करते हैं – उन्होंने ऐसा कहा है।”

केली ने आरोप लगाया, ‘वह निश्चित रूप से सरकार के लिए तानाशाही दृष्टिकोण को प्राथमिकता देते हैं।’

उन्होंने कहा कि ट्रंप ने ‘कभी भी इस तथ्य को स्वीकार नहीं किया कि वह दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति नहीं थे। शक्तिशाली से मेरा मतलब उस व्यक्ति से है जो अपनी इच्छा के अनुसार जो चाहे, जब चाहे कुछ भी कर सकता है।”

ट्रंप ने आरोपों को खारिज कर दिया।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि जॉन केली नामक एक पूरी तरह से पतित आदमी में दो गुण थे। वह सख्त और मूर्ख थे।’

उन्होंने कहा, ‘समस्या यह है कि उनकी कठोरता कमजोरी में बदल गई। सैनिकों के बारे में कहानी एक झूठ है। हालांकि मुझे उनके बारे में बात करके अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, लेकिन मुझे हमेशा लगता है कि सच्चाई सामने लाने के लिए जवाब देना जरूरी होता है।”

भाषा जोहेब मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)