वाशिंगटन, 26 जनवरी (भाषा) अमेरिका में दो महीने पहले राष्ट्रपति चुनाव के बाद अपने पहले टेलीविजन साक्षात्कार में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उनकी जीत का श्रेय आप्रवासन और मुद्रास्फीति, विशेष रूप से किराने के सामान की बढ़ती लागत पर अमेरिकियों के गुस्से को जाता है।
हालांकि, उन्होंने कहा है कि महंगाई उनके लिए नंबर एक मुद्दा नहीं है।
उन्होंने एनबीसी के ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में कहा, ‘जब आप सेब खरीदते हैं, जब आप बेकन (सूअर का मांस) खरीदते हैं, जब आप अंडे खरीदते हैं, तो थोड़े समय में ही उनकी कीमत दोगुनी और तिगुनी हो जाती है।’
ट्रंप ने कहा, ‘‘और मैंने इसी के आधार पर चुनाव जीता। हम उन कीमतों को बहुत कम करने जा रहे हैं।’’
लेकिन व्हाइट हाउस में वापस आने के पहले सप्ताह में, ट्रंप के शासकीय आदेशों के शुरुआती दौर में उन कीमतों से सीधे निपटने के लिए संघीय एजेंसियों को ‘उचित कार्रवाई करने’ का निर्देश देने के अलावा कुछ भी नहीं किया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह ऊर्जा लागत को कम करने के लिए कदम उठा रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि इसका अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
ट्रंप ने कहा, ‘‘उन सभी ने कहा कि मुद्रास्फीति नंबर एक मुद्दा था। मैंने कहा, मैं असहमत हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने मुद्रास्फीति के बारे में भी बात की, लेकिन आप कितनी बार कह सकते हैं कि एक सेब की कीमत दोगुनी हो गई है?’’
ट्रंप को मतदाताओं से उम्मीद है कि वे उच्च कीमतों के लिए पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन को ही जिम्मेदार ठहराते रहेंगे।
राष्ट्रपति की टिप्पणियां इस वास्तविकता को दर्शाती हैं कि राष्ट्रपतियों के पास अर्थव्यवस्था के अन्य हिस्सों को नुकसान पहुंचाए बिना मुद्रास्फीति को जल्दी से कम करने के लिए कोई ‘लीवर’ नहीं है।
शनिवार को लास वेगास में एक रैली के दौरान, ट्रंप ने अपने डेमोक्रेटिक पूर्ववर्ती नेता पर उनके कार्यकाल में कीमतों में वृद्धि होने देने के लिए निशाना साधा था और समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने का वादा किया।
ट्रंप ने कहा, ‘जब मैं बाइडन के बारे में सोचता हूं, तो मुझे अक्षमता और मुद्रास्फीति की याद आती है।’’
भाषा वैभव दिलीप
दिलीप
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)