यह साल संघीय न्यायालय में ट्रम्प के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती थी, लेकिन ऐसा हो न सका |

यह साल संघीय न्यायालय में ट्रम्प के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती थी, लेकिन ऐसा हो न सका

यह साल संघीय न्यायालय में ट्रम्प के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती थी, लेकिन ऐसा हो न सका

:   Modified Date:  October 14, 2024 / 07:16 PM IST, Published Date : October 14, 2024/7:16 pm IST

वाशिंगटन, 14 अक्टूबर (एपी) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर वर्गीकृत दस्तावेजों को जमा करने का आरोप लगाने वाले अभियोग में एक के बाद एक चौंकाने वाले आरोप लगाए गए, जिसमें यह भी शामिल था कि उन्होंने अपने गोल्फ क्लब में मेहमानों को पेंटागन पर हमले की गुप्त योजना दिखाई और अपने वकील को व्हाइट हाउस के रिकॉर्ड की मौजूदगी के बारे में संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) को गुमराह करने का सुझाव दिया।

लेकिन मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश के लिए ये विवरण बेमानी साबित हुए, जिन्होंने इस आधार पर मामले को खारिज कर दिया कि इन तथ्यों को सामने लाने वाले विशेष वकील को गैरकानूनी तरीके से इस पद पर रखा गया था।

ऐसा लगा था कि 2020 के चुनाव परिणाम को पलटने की साजिश रचने का आरोप भी इस वर्ष ट्रम्प के खिलाफ सुनवाई का एक सुनहरा अवसर लग रहा था, जिसमें जो बाइडन से हारने के बाद सत्ता काबिज रखने के ट्रम्प के असफल प्रयास को लेकर एक मुकदमा सामने आया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय की इस राय के साथ वह संभावना समाप्त हो गयी कि पूर्व राष्ट्रपतियों को अभियोजन से व्यापक संरक्षण प्राप्त है।

एक ऐसा साल जिसकी शुरुआत संघीय अदालत द्वारा ट्रम्प के पक्ष में फैसला सुनाए जाने की संभावना के साथ हुई थी, लेकिन इसका अंत बिना किसी सुनवाई के हो गया, जिससे मतदाता रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार ट्रम्प को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं कर सके हैं। हालांकि दोनों मामले अब भी चुनाव पर खतरे की तरह मंडरा रहे हैं तथा आने वाले महीनों में उनके संभावित पुनरुत्थान से यह स्पष्ट हो रहा है कि पांच नवंबर को न केवल राष्ट्रपति पद बल्कि संभवतः ट्रम्प की स्वतंत्रता भी दांव पर है।

यदि ट्रम्प डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस से हार जाते हैं, तो उन्हें वर्गीकृत दस्तावेजों के मामले में मुकदमे और संभावित सजा का खतरा है, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि संघीय अपील अदालत इसे फिर से शुरू कर सकती है। संभव है पिछले चुनाव में हस्तक्षेप के मामले में भी उन्हें झटका लगे, क्योंकि अभियोजकों ने पूर्व राष्ट्रपतियों को अभियोजन से व्यापक संरक्षण होने की सर्वोच्च न्यायालय की राय के बाद नया अभियोज जारी किया।

यदि ट्रम्प राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतते हैं, तो उनके अटॉर्नी जनरल दोनों मामलों को समाप्त कर सकते हैं और न्यूयॉर्क में हश-मनी मामले में पहले से ही विलंबित सजा- जूरी तक पहुंचने और दोषसिद्धि के साथ समाप्त होने वाला उनका एकमात्र अभियोजन – और भी अधिक अस्थिर हो जाएगा।

एक साल से अधिक समय पहले लाए जाने के बावजूद कोई भी संघीय मामला सुनवाई के अंतिम चरण तक नहीं पहुंचा, जो एक पूर्व राष्ट्रपति पर मुकदमा चलाने की जटिलताओं को उजागर करता है और ट्रम्प टीम की ओर से मुकदमे में देरी की रणनीति की पुष्टि करता है।

यह रिपब्लिकन पार्टी की सरकार द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों के समक्ष अभियोजकों द्वारा झेली जाने वाली अपार बाधाओं को भी प्रतिबिंबित करता है। ऐसे न्यायाधीशों में से कुछ को ट्रम्प द्वारा चुना गया था। इन न्यायाधीशों ने एक मामले में राष्ट्रपति की शक्ति के बारे में एक बहुत ही विस्तृत और नया दृष्टिकोण व्यक्त किया, जबकि दूसरे मामले में अभियोजन को पटरी से उतारने से पहले ही उस पर गहरा संदेह व्यक्त किया।

टेम्पल यूनिवर्सिटी के कानून के प्रोफेसर क्रेग ग्रीन ने कहा, ‘वास्तविकता यह है कि पूर्व राष्ट्रपति को कानूनी रूप से उत्तरदायी ठहराने (चुनाव से पहले) और राजनीति के दायरे से स्वतंत्र करने के प्रयास विभिन्न कारणों से भिन्न-भिन्न स्थानों पर विफल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘और इसका मतलब यह है कि यह अमेरिकी लोगों पर निर्भर है, अदालतों पर नहीं, कि वे अपने भावी राष्ट्रपति के बारे में क्या सोचते हैं।’’

एपी सुरेश धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)