Sri Lanka crisis news in Hindi : नई दिल्ली, 10 जुलाई 2022। श्रीलंका में बिगड़ते आर्थिक संकट से के कारण परेशान लोगों ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया, इसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे भाग गए, अब उन्होंने इस्तीफे का भी ऐलान कर दिया है। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे पर फूटा, प्रदर्शनकारियों ने उनके निजी घर को आग के हवाले कर दिया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे, साथ ही पानी की तेज बौछार छोड़ी।
दरअसल, पीएम की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने घर के बाहर मौजूद पत्रकारों पर हमला कर दिया, जिससे भीड़ और उग्र हो गई और पीएम के निजी घर में आग लगा दी गई। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
#WATCH श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच प्रदर्शनकारी कोलंबो में राष्ट्रपति भवन परिसर में घुसे।#SriLankaCrisis
(सोर्स: रॉयटर्स) pic.twitter.com/qMzhAIZqvu— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2022
श्रीलंका के पीएमओ ने एक बयान में कहा, प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में सेंध लगाई और उसमें आग लगा दी, विक्रमसिंघे मई में देश के प्रधानमंत्री चुने गए थे। बयान के मुताबिक, सरकार की निरंतरता और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के PM ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है।
#WATCH प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में घुसकर आग लगा दी।#SriLankaCrisis pic.twitter.com/8f8BmuT0JL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 9, 2022
PM ने बैठक के बाद ट्वीट किया, सभी नागरिकों की सुरक्षा सहित सरकार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए मैं आज पार्टी नेताओं की सिफारिश को स्वीकार करता हूं। सर्वदलीय सरकार के लिए रास्ता बनाने के वास्ते मैं प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दूंगा।
गौरतलब है कि श्रीलंका गंभीर विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है, देश ने ईंधन, भोजन और दवा के आवश्यक आयात को सीमित कर दिया है। जिससे श्रीलंका बीते 7 दशकों में सबसे खराब वित्तीय हालात से गुजर रहा है, कई लोग देश की गिरावट के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। मार्च के बाद से बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है।
उधर राष्ट्रपति अपना आवास छोड़कर भाग गए है, प्रदर्शनकारियों ने राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर घुसकर जमकर तोड़फोड़ भी की, उधर, रैली के दौरान श्रीलंका की पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इसमें करीब 30 लोग घायल हो गए। हालात काबू में करने के लिए पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें सर्वसम्मति से नेताओं ने राष्ट्रपति और पीएम के इस्तीफे की मांग कर दी। वहीं पीएम ने सशर्त इस्तीफे का ऐलान कर दिया है।
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बता दें कि राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों के कब्जे से पहले ही राष्ट्रपति गोटयाबा राजपक्षे परिवार समेत भाग निकले, वह कहां गए हैं अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति अपने परिवार के साथ पानी के जहाज पर सवार होकर देश से भाग निकले हैं।
ज्यादातर लोग और एक्सपर्ट भी मानते हैं कि श्रीलंका की बड़ी आर्थिक समस्याओं में चीन की भूमिका संदिग्ध लगती है। इसके लिए चीन के कर्ज जाल और राजपक्षे की बीजिंग से करीबी को जिम्मेदार समझा जाता है। हंबनटोटा से लेकर प्रस्तावित कोलंबो पोर्ट सिटी तक, हर जगह चीन की मौजूदगी दिखाई देती है। श्रीलंका का गंभीर वित्तीय संकट उस समय दुनिया को पता चला जब सरकार ने पिछले साल अगस्त में राष्ट्रीय आर्थिक आपातकाल की घोषणा कर दी। उस समय देश की मुद्रा में जबर्दस्त गिरावट आनी शुरू हुई थी।
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