द कोरिया की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी को राष्ट्रपति यून को हिरासत में लेने के लिए नया वारंट मिला |

द कोरिया की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी को राष्ट्रपति यून को हिरासत में लेने के लिए नया वारंट मिला

द कोरिया की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी को राष्ट्रपति यून को हिरासत में लेने के लिए नया वारंट मिला

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Modified Date: January 7, 2025 / 06:34 PM IST
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Published Date: January 7, 2025 6:34 pm IST

सियोल, सात जनवरी (एपी) दक्षिण कोरिया की भ्रष्टाचार-निरोधक एजेंसी ने कहा है कि उसे महाभियोग के जरिये अपनी शक्ति खो चुके राष्ट्रपति यून सुक येओल को हिरासत में लेने के लिए न्यायालय से नया वारंट मिला है। ‘राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा’ ने पिछले सप्ताह यून को हिरासत में लेने के एजेंसी के प्रयास पर पानी फेर दिया था।

उच्च पदस्थ अधिकारियों से संबंधित भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने मंगलवार को तुरंत इस बात की पुष्टि नहीं की कि वारंट कितने समय तक वैध रहेगा।

सांसदों के यह पूछने पर कि वारंट की अवधि कब समाप्त होगी, एजेंसी के मुख्य अभियोजक ओह डोंग-वून ने उत्तर देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी संवेदनशील होती है, क्योंकि एजेंसी और पुलिस संबंधित वारंट पर अमल करने के तरीकों पर विचार कर रही है।

वारंट आमतौर पर सात से 10 दिनों के लिए होते हैं।

सियोल पश्चिमी जिला अदालत ने पिछले सप्ताह के शुरू में यून को हिरासत में लेने के लिए वारंट जारी किया था और उनके आवास की तलाशी के लिए एक अलग वारंट जारी किया था, क्योंकि उन्होंने तीन दिसंबर के ‘मार्शल लॉ’ आदेश पर पूछताछ के लिए उपस्थित होने से इनकार करके अधिकारियों के आदेश की अवहेलना की थी।

भ्रष्टाचार-निरोधक एजेंसी के लगभग 150 जांचकर्ताओं और सहायक पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यून को हिरासत में लेने का प्रयास किया, लेकिन ‘राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा’ के साथ पांच घंटे से अधिक समय तक चले तनावपूर्ण गतिरोध के बाद वे सियोल में उनके निवास से वापस चले गए।

जांचकर्ताओं ने सोमवार को पिछले वारंट की अवधि समाप्त होने से पहले यून को हिरासत में लेने का कोई और प्रयास नहीं किया।

भ्रष्टाचार-निरोधक एजेंसी और पुलिस ने यून को हिरासत में लेने के लिए और अधिक बलपूर्वक प्रयास करने का वचन दिया है। हालांकि यह तब तक एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है जब तक वह (यून) अपने आधिकारिक निवास में रहते हैं।

पुलिस और सेना के साथ संयुक्त जांच का नेतृत्व कर रही भ्रष्टाचार-निरोधक एजेंसी यून के खिलाफ उन विद्रोहों के आरोपों की जांच कर रही है जिसके तहत उन्होंने मार्शल लॉ घोषित किया और संसद को घेरने के लिए सैनिकों को रवाना कर दिया। नाकेबंदी को पार करने में कामयाब रहे सांसदों ने कुछ घंटों बाद यून द्वारा जारी मार्शल लॉ के खिलाफ मतदान किया।

संसद द्वारा चौदह दिसंबर को उन पर महाभियोग चलाने के लिए मतदान करने के बाद यून की राष्ट्रपति शक्तियों को निलंबित कर दिया गया। संवैधानिक न्यायालय ने इस बात पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है कि यून को औपचारिक रूप से पद से हटाया जाए या उन्हें बहाल किया जाए।

अगर जांचकर्ता यून को हिरासत में लेने में कामयाब हो जाते हैं, तो वे औपचारिक गिरफ्तारी करने की अनुमति के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे अन्यथा उन्हें (यून को) 48 घंटे बाद रिहा कर दिया जाएगा।

एपी सुरेश पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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