इस्लामाबाद, 21 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान में 9 मई, 2023 और 26 नवंबर, 2024 को हुई की घटनाओं की जांच के लिए न्यायिक आयोगों के गठन पर असहमति के कारण सरकार और विपक्षी दल ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ’ (पीटीआई) के बीच बातचीत अधर में लटकी हुई है।
दोनों पक्षों के बीच औपचारिक बातचीत पिछले साल 23 दिसंबर को शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य कथित चुनावी धांधली और पीटीआई के सदस्यों तथा नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ विपक्षी दल के विरोध प्रदर्शन के कारण जारी राजनीतिक तनाव और अस्थिरता को कम करना था।
पीटीआई ने 16 जनवरी को हुई तीसरे दौर की वार्ता के दौरान अपनी मांगें प्रस्तुत कीं और सरकार को 9 मई, 2023 तथा 26 नवंबर, 2024 की घटनाओं की जांच के लिए दो न्यायिक आयोग गठित करने के लिए सात दिन की समयसीमा दी गई।
यह प्रमुख मांग एक निर्णायक मुद्दा बन गई है, क्योंकि सरकार अभी तक आयोगों के गठन पर सहमत नहीं हुई है। इसके जवाब में पीटीआई के जेल में बंद नेता इमरान खान ने मांग पूरी न होने पर अपनी पार्टी को बातचीत से हटने की हिदायत दी है।
पीटीआई प्रमुख गौहर अली खान ने सोमवार को रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर मीडिया से कहा कि खान ने सात दिन के भीतर न्यायिक आयोग का गठन नहीं होने पर वार्ता टीम को बातचीत से हटने का निर्देश दिया है।
खान (72) कई मामलों में 2023 के मध्य से अदियाला जेल में बंद हैं।
यह उल्लेख करते हुए कि सार्थक बातचीत के लिए न्यायिक आयोग की स्थापना महत्वपूर्ण है, गौहर ने कहा कि अगर सरकार आयोग बनाने पर आगे नहीं बढ़ती है तो बातचीत जारी रखने का कोई मतलब नहीं है।
गौहर ने कहा कि यदि आयोग का गठन नहीं किया गया तो चौथे दौर की वार्ता नहीं होगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि पीटीआई सरकार की ओर से जवाब के लिए सात दिन तक इंतजार करेगी।
भाषा नेत्रपाल माधव
माधव
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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