न्यायालय ने पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल को कैदियों के परिवारों की शिकायतें दूर करने को कहा |

न्यायालय ने पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल को कैदियों के परिवारों की शिकायतें दूर करने को कहा

न्यायालय ने पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल को कैदियों के परिवारों की शिकायतें दूर करने को कहा

:   Modified Date:  July 8, 2024 / 08:46 PM IST, Published Date : July 8, 2024/8:46 pm IST

इस्लामाबाद, आठ जुलाई (भाषा) पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को अटॉर्नी जनरल मंसूर अवान को आदेश दिया कि वह नौ मई को हुए दंगों के संदिग्धों के परिवारों की चिंताओं और शिकायतों को दूर करें जिन्होंने कहा है कि वे कैदियों से नहीं मिल पा रहे हैं।

‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार, सात सदस्यीय पीठ का यह आदेश पिछले साल नौ मई की हिंसा में शामिल नागरिकों की सैन्य अदालतों में सुनवाई के खिलाफ दायर ‘अंतर-अदालती’ याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आया।

वर्ष 2023 में 9-10 मई की घटनाओं से आशय कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन से है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने सरकारी और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया और तोड़फोड़ की। इसके बाद, सैन्य अदालतों में दंगाइयों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई शुरू हुई।

आदेश में कहा गया, ‘‘परिवारों ने कहा है कि वे कैदियों से नहीं मिल पा रहे हैं। अटॉर्नी जनरल को इन शिकायतों का समाधान करना चाहिए।’’ इसके बाद अदालत ने सुनवाई 11 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।

छह सदस्यीय पीठ के खिलाफ आपत्ति जताए जाने के बाद शीर्ष अदालत ने मई में मामले को पीठ के पुनर्गठन के लिए प्रक्रिया समिति के पास भेज दिया था।

याचिकाकर्ता पूर्व मुख्य न्यायाधीश जवाद एस ख्वाजा के वकील ख्वाजा अहमद हसन ने पीठ पर आपत्ति जताते हुए कहा कि न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह और न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी के नोट के आलोक में एक बड़ी पीठ का गठन किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति तारिक मसूद ने सैन्य अदालत में नागरिकों के मुकदमों के खिलाफ अंतर-अदालती अपीलों की सुनवाई से 29 जनवरी को खुद को अलग कर लिया था जिसके कारण छह सदस्यीय पीठ को भंग कर दिया गया।

भाषा संतोष अविनाश

अविनाश

 

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