(अदिति खन्ना)
(तस्वीरों के साथ जारी)
लंदन, 29 जून (भाषा) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति ने चार जुलाई को होने वाले आम चुनाव से पहले अपने प्रचार अभियान के आखिरी सप्ताहांत में लंदन स्थित प्रतिष्ठित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में पूजा-अर्चना की।
इस मंदिर को नेसडेन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति का काफिला शनिवार शाम को जब भव्य मंदिर के परिसर में पहुंचा तो वहां मौजूद लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके बाद दोनों ने पुजारियों के मार्गदर्शन में पूजा-अर्चना की।
ऋषि सुनक ने मंदिर में दर्शन करने के बाद स्वयंसेवकों तथा समुदाय के नेताओं के साथ बातचीत की।
क्रिकेट प्रशंसक सुनक ने अपने संबोधन की शुरुआत टी-20 विश्व कप में भारत की जीत के जिक्र से की और कहा कि उन्हें हिंदू धर्म से प्रेरणा मिलती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आप सभी की तरह हिंदू हूं और मेरा धर्म मुझे प्रेरित करता है।’’
ऋषि सुनक ने कहा, ‘‘मुझे संसद सदस्य के रूप में ‘भगवद्गीता’ पर हाथ रखकर शपथ लेने पर गर्व है। हमारा धर्म सिखाता है कि हमें अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और यदि हम इसे ईमानदारी से निभा रहे हैं तो हमें परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे प्रिय माता-पिता ने मुझे यही सिखाया है और मैं इसी तरह अपना जीवन जीता हूं। यही मैं अपनी बेटियों को सिखाना चाहता हूं। यह धर्म ही है जो सार्वजनिक सेवा के प्रति मेरे दृष्टिकोण में मेरा मार्गदर्शन करता है।’’
सुनक ने अपने पिता और मां द्वारा की गई समुदाय की सेवा का जिक्र किया। उन्होंने अपनी सास सुधा मूर्ति के भारत में किए गए ‘‘शानदार कार्यों’’ का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी पत्नी न केवल मेरे लिए सबसे बड़ा सहारा हैं, बल्कि वह सार्वजनिक सेवा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।’’
ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री के रूप में 44 वर्षीय सुनक ने समुदाय के सदस्यों की ‘‘प्रार्थनाओं और प्रेम’’ के लिए उनका आभार व्यक्त किया तथा उन्हें गौरवान्वित करने का प्रयास जारी रखने का संकल्प लिया।
धुर दक्षिणपंथी ‘रिफॉर्म यूके’ के कार्यकर्ता ने प्रचार अभियान के दौरान सुनक के खिलाफ नस्लवादी टिप्पणी की थी। इसका जिक्र करते हुए सुनक ने ब्रिटेन की बहु-धार्मिक प्रतिष्ठा पर जोर दिया।
सुनक ने कहा, ‘‘मुझे पहला ब्रिटिश एशियाई प्रधानमंत्री होने पर गर्व है, लेकिन मुझे इससे भी अधिक गर्व इस बात पर है कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। पिछले कुछ दिनों की घटनाओं के कारण हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि ब्रिटेन दुनिया का सबसे सफल बहु-जातीय, बहु-आस्था वाला लोकतंत्र है।’’
सुनक और मूर्ति ने सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत यात्रा के दौरान भी नयी दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर में पूजा-अर्चना की थी।
भाषा
सिम्मी नेत्रपाल
नेत्रपाल
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