(अदिति खन्ना)
लंदन, दो नवंबर (भाषा) ब्रिटेन द्वारा आयोजित कृत्रिम मेधा (एआई) शिखर सम्मेलन में बृहस्पतिवार को वार्ता का नेतृत्व कर रहे प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारत समेत 28 देशों के साथ हुए ब्लेचले घोषणापत्र समझौते की सराहना की और इसे “ऐतिहासिक” बताया।
यह घोषणापत्र कृत्रिम मेधा से जुड़े जोखिमों से निपटने की साझा जिम्मेदारी से संबंधित है।
बकिंघमशायर के ब्लेचले पार्क में दो दिवसीय एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन में सुनक ने पहले ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नीति निर्धारकों को सूचित करने के लिए नए प्रकार के एआई की जांच, मूल्यांकन और परीक्षण करने के वास्ते ब्रिटेन में दुनिया का पहला एआई सुरक्षा संस्थान स्थापित करने की घोषणा की थी।
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य कृत्रिम मेधा के लिए अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करना है।
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन दुनिया भर के सरकारी प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के अलावा सुनक एआई, शिक्षा जगत और नागरिक संस्थाओं में अग्रणी कंपनियों से चर्चा करेंगे, जो एआई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक ठोस कार्रवाई पर केंद्रित होगी। सम्मेलन में भाग लेने वालों में ओपनएआई, एंथ्रोपिक, गूगल डीपमाइंड, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी एआई क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। टेक अरबपति और ‘एक्स’ प्रमुख एलन मस्क सुनक के साथ एक विशेष व्यक्तिगत सत्र में भाग लेंगे।
केंद्रीय उद्यमिता, कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया । भारत, समझौते का समर्थन करने वाले 28 देशों में से एक था।
चंद्रशेखर ने शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, “हम निश्चित रूप से चाहते हैं कि एआई और व्यापक इंटरनेट एवं तकनीक अच्छाई, सुरक्षा और विश्वास का प्रतिनिधित्व करें। और, उन सभी को रेखांकित करते हुए, इसका उपयोग करने वाले सभी लोगों के लिए मंच और नवोन्मेष करने वाले कानून के तहत जवाबदेही प्रदर्शित करें।”
भाषा
प्रशांत माधव
माधव
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