Struck down sedition law in PAK: अंग्रेजों के जमाने के राजद्रोह कानून को पाकिस्तान की एक अदालत ने रद्द कर दिया है। यह अहम फैसला लाहौर हाईकोर्ट ने सुनाया है। जस्टिस शाहिद करीम ने पाकिस्तान पीनल कोड (PPC) की धारा 124-A के तहत राजद्रोह के अपराध को रद्द कर दिया। हारून फारूक नाम के व्यक्ति ने याचिका दायर कर इस धारा को रद्द करने की मांग की थी। उनकी दलील थी की यह देश के भीतर प्रभावी नागरिको के मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं करता।
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याचिकाकर्ता हारुन ने अपनी याचिका में कहा था कि इस कानून का इस्तेमाल असहमति, अभिव्यक्ति की आजादी और आलोचना को दबाने के हथियार के रूप में किया जाता है। इसमें ये भी कहा गया था कि बीते कुछ सालों में कई राजनेताओं, पत्रकारों और एक्टिविस्ट के खिलाफ धारा 124-A के तहत केस दर्ज किया गया है। कुल मिलाकर याचिकाकर्ता ने धारा 124-A के दुरुपयोग की बात कही थी।
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Struck down sedition law in PAK: बता दें की भारत और पाकिस्तान, दोनों ही जगह राजद्रोह का कानून एक सामान है। दोनों में सजा भी बराबर है। भारतीय दंड संहिता की धारा 124-A में राजद्रोह या देशद्रोह का उल्लेख है। ये धारा कहती है, ‘अगर कोई व्यक्ति बोलकर या लिखकर या इशारों से या फिर चिन्हो के जरिए या किसी और तरीके से घृणा या अवमानना या उत्तेजित करने की कोशिश करता है या असंतोष को भड़काने का प्रयास करता है तो वो राजद्रोह का दोषी माना जाएगा।’