कोलंबो, 21 नवंबर (भाषा) श्रीलंका में एक सप्ताह पहले सत्तारूढ़ एनपीपी की ऐतिहासिक चुनावी जीत के बाद, नई संसद का पहला सत्र बृहस्पतिवार को बुलाया गया।
वर्ष 1978 के बाद से 10वीं संसद के नए सत्र की शुरुआत में, नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के अशोक रानवाला को सदन का अध्यक्ष चुना गया, जबकि रिजवी सालिह को उप-अध्यक्ष चुना गया। महिला सदस्य हिमाली वीरसेकरा को संसदीय समिति का उपाध्यक्ष चुना गया।
नियुक्ति में महत्वपूर्ण विशेषता यह थी कि उच्च पदों पर चुने गए तीनों ही व्यक्ति संसद के पहली बार सदस्य बने हैं, जो श्रीलंका के संसदीय इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना है।
केमिकल इंजीनियर रानवाला स्पीकर चुने गए। वह दशकों के सार्वजनिक आंदोलन के माध्यम से एनपीपी के सर्वोच्च पद तक की यात्रा का प्रतिनिधित्व करते हैं। रानवाला राज्य ईंधन इकाई, सीपीसी और संगठन में एक ट्रेड यूनियन नेता थे।
एनपीपी ने 14 नवंबर को हुए चुनाव में 225 सदस्यीय विधानसभा में 159 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया । सरकार और विपक्ष दोनों से चुने गए ज्यादातर लोग पहली बार सदस्य हैं।
यह पहली बार है जब 1989 के बाद से हुए संसदीय चुनाव में किसी सरकार ने दो-तिहाई नियंत्रण या 150 से अधिक सीटें जीती हैं।
तीन संसदीय नियुक्तियों के बाद यह घोषणा की गई कि मुख्य विपक्ष से साजिथ प्रेमदासा को विपक्षी नेता के रूप में मान्यता दी गई है।
इसके बाद सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया ताकि बैठक शुरू होने पर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके अपना नीति वक्तव्य प्रस्तुत कर सकें।
राष्ट्रपति को शुरुआती सत्रों की अध्यक्षता करने का संवैधानिक अधिकार है।
भाषा मनीषा नरेश
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