कोलंबो, सात जुलाई (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि इस साल सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि नहीं की जाएगी। उन्होंने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि बिना किसी उचित योजना के वेतन में वृद्धि करने से देश में होने वाले वाले राष्ट्रपति एवं आम चुनावों से पहले सरकार कमजोर हो सकती है।
‘न्यूज फर्स्ट’ वेबसाइट पर रविवार को प्रसारित खबर में बताया गया है कि राष्ट्रपति ने यह स्वीकार किया कि वर्तमान में अर्थव्यवस्था पर दबाव है। उन्होंने कहा कि वेतन और भत्ता बढ़ाने के लिये अतिरिक्त धन का अभाव है।
विक्रमसिंघे ने श्रीलंका में 10,000 रुपए की वेतन वृद्धि और ‘अश्वसुमा’ कार्यक्रम के तहत दिए गए अतिरिक्त लाभों के बारे में जानकारी दी।
खबर में बताया गया कि उन्होंने राजकोषीय जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया और आगाह किया कि उचित योजना के बिना वेतन में और वृद्धि करने से सरकार कमजोर हो सकती है।
विक्रमसिंघे ने आगामी चुनावों से पहले देश में स्थिरता लाने की आवश्यकता पर बल दिया।
खबर में बताया गया कि राष्ट्रपति ने वेतन संबंधी समस्या की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन करने का एलान किया है। समिति की सिफारिशों को 2025 के बजट में शामिल किया जाएगा, जिससे अगले साल संभावित कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी हो सकेगी।
भाषा प्रीति रंजन
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