कोलंबो, 24 जनवरी (भाषा) श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करके अपनी निजी सुरक्षा बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। सरकार ने उनकी सुरक्षा में पिछले महीने काफी कटौती कर दी थी।
सरकार ने राजपक्षे की सुरक्षा में तैनात कर्मियों की संख्या घटाकर 60 कर दी है जो पहले 350 से अधिक हुआ करती थी। अपने मौलिक अधिकार आवेदन में 80 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि एक अलग तमिल मातृभूमि के लिए ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम’ (लिट्टे) के तीन दशक लंबे सशस्त्र अभियान को समाप्त करने में उनकी भूमिका के कारण उनका जीवन खतरे में है।
उन्होंने मामले में प्रतिवादी के रूप में प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या, कैबिनेट और रक्षा प्रतिष्ठान को नामित किया है।
राजपक्षे ने 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। इस दौरान एक अलग तमिल मातृभूमि के लिए अलगाववादी युद्ध का नेतृत्व करने वाले लिट्टे प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन को 2009 में मार गिराया गया। इसी के साथ श्रीलंकाई सेना द्वारा इस अलगाववाद को कुचल दिया गया।
भाषा संतोष माधव
माधव
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)