Sri Lanka Crisis: आखिरकार घनघोर राजनीतिक-आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे बिना इस्तीफा दिये देश छोड़कर मालदीव भाग गए। उनके देश छोड़कर मालदीव भागने की खबर से श्रीलंका में विद्रोह की आग फिर भड़क गई है।
अब जब मिलिट्री प्लेन ने गोटाबाया राजपक्षे को मालदीव तक छोड़ा तो श्रीलंका की एयरफोर्स पर भी सवाल उठे। इसके बाद एयरफोर्स को सफाई देनी पड़ी। एयरफोर्स के टॉप अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्रालय के ऑर्डर पर राष्ट्रपति के लिए प्लेन दिया गया था। उन्होंने कहा कि मौजूदा राष्ट्रपति को प्लेन संविधान में मौजूद निहित कानूनी प्रावधानों के अनुसार ही दिया गया था। मतलब अगर गोटाबाया राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे चुके होते तो उनको यह सुविधा इतनी आसानी से नहीं मिल पाती।
Read more : इस एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्री की मौत, पापा को जगाने 7 साल का बेटा देता रहा आवाज
73 साल के गोटाबाया राजपक्षे के मालदीव पहुंचने के बाद एक और बड़ी जानकारी सामने आई। पता चला कि गोटाबाया को श्रीलंका से निकालने के लिए मालदीव की संसद के स्पीकर और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मदद की थी। मालदीव की सरकार की तरफ से भी कहा गया है कि राजपक्षे अभी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं, उन्होंने रिजाइन नहीं दिया है। इसलिए अगर ऐसे में वह मालदीव आना चाहते थे तो उनको मना नहीं किया जा सकता था। कुल मिलाकर 13 लोग गोटाबाया के साथ मालदीव पहुंचे हैं। ये लोग एयरफोर्स के AN32 विमान में वहां आए।
श्रीलंका का मिलिट्री विमान जब मालदीव पहुंचा तो उसे वहां उसे मालदीव के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने उतरने की इजाजत नहीं दी थी। फिर स्पीकर नशीद के कहने पर एयरक्राफ्ट को वहां उतरने दिया गया। इसके बाद Maldives National Party के संसदीय ग्रुप ने यह भी बताया कि वह संसद में प्रस्ताव देकर बताएंगे कि सरकार ने किस तरह श्रीलंका के राष्ट्रपति को शरण दी है।
न्यूजीलैंड : समुद्र तट पर आ गईं 30 से अधिक…
3 hours ago