सोलिह ने भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों की वकालत की, मुइज्जू सरकार की पिछली आपत्तियों पर सवाल उठाए |

सोलिह ने भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों की वकालत की, मुइज्जू सरकार की पिछली आपत्तियों पर सवाल उठाए

सोलिह ने भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों की वकालत की, मुइज्जू सरकार की पिछली आपत्तियों पर सवाल उठाए

:   Modified Date:  October 13, 2024 / 12:51 AM IST, Published Date : October 13, 2024/12:51 am IST

माले, 12 अक्टूबर (भाषा) मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने उन समझौतों पर आगे बढ़ने का फैसला करने के लिए देश के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की शनिवार को आलोचना की, जिन्हें उनकी सत्तारूढ़ पार्टी ‘पीपुल्स नेशनल कांग्रेस’ (पीएनसी) ने 2023 में राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।

मुइज्जू ने हाल में भारत की पांच दिवसीय राजकीय यात्रा की थी। उन्होंने आर्थिक सहायता एवं लगातार समर्थन के लिए भारत का बृहस्पतिवार को आभार जताया था।

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को चीन के प्रति नरम रुख रखने के लिए जाना जाता है। मुइज्जू ने पिछले साल ‘भारत को बाहर करो’ अभियान के आधार पर राष्ट्रपति चुनाव जीता था और नयी दिल्ली से इस साल मई तक द्वीपसमूह राष्ट्र में तैनात अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के लिए कहा था।

द्विपक्षीय संबंधों में तब और खटास आ गई जब मालदीव के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की। हालांकि, मुइज्जू ने तब से अपने भारत विरोधी रुख को नरम कर दिया है और यहां तक कि उन मंत्रियों को भी बर्खास्त कर दिया है जिन्होंने मोदी की आलोचना की थी।

सोलिह सत्तारूढ़ प्रशासन की निंदा करते हुए कहा कि मुइज्जू ने ‘मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी’ (एमडीपी) के प्रशासन के दौरान की गई कई मालदीव-भारत पहल के लिए समर्थन व्यक्त किया और ये वही पहल हैं जिनका उनकी पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने पूर्व में कड़ा विरोध किया था। उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए कई उदाहरण भी पेश किए।

भाषा

सिम्मी सुभाष

सुभाष

 

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