इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने देश में ताकतवर फौज की आलोचना करते हुए सियासत में वापस आने के लिए रास्ता तैयार किया और कहा कि विपक्ष प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ नहीं है, बल्कि उनके खिलाफ है जो ‘अक्षम’ व्यक्ति को सत्ता में लेकर आए हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) द्वारा आहूत सर्व दलीय सम्मेलन को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे शरीफ ने लोगों की बुनियादी परेशानियां हल करने में नाकाम रहने पर सत्तारूढ़ पार्टी पर जोरदार हमला बोला। इस सर्व दलीय सम्मेलन का मकसद खान की अगुवाई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के खिलाफ एक आंदोलन शुरू करना है।
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पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख शरीफ (70) पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे हैं। लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें इलाज के वास्ते चार हफ्तों के लिए विदेश जाने की इजाजत दी थी। पीपीपी के प्रमुख आसिफ अली ज़रदारी ने शुक्रवार को शरीफ से फोन पर बातचीत की थी और उन्हें रविवार को ऑनलाइन होने वाली विपक्ष की अगुवाई वाले सर्व दलीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया था।
सम्मेलन में शरीफ ने खान का कथित रूप से समर्थन करने के लिए देश की ताकतवर फौज की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘हमारा संघर्ष इमरान खान के खिलाफ नहीं है। आज, हमारा संघर्ष उन लोगों के खिलाफ है, जिहोंने इमरान खान को बैठाया है और जिन्होंने उन जैसे अक्षम व्यक्ति को लाने के लिए (2018) के चुनाव को प्रभावित किया और मुल्क को तबाह किया।’
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी प्राथमिकता इस ‘चयनित सरकार और इस व्यवस्था’ को हटाने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर बदलाव नहीं होते हैं तो मुल्क को अपूरणीय क्षति होगी।’ उन्होंने कहा कि सेना को सियासत से दूर रहना चाहिए और संविधान एवं राष्ट्रपिता कायदे आज़म मोहम्मद अली जिन्ना की दृष्टि का अनुसरण करना चाहिए तथा लोगों की पसंद में दखल नहीं देनी चाहिए।
शरीफ ने कहा, ‘हमने इस देश को अपनी नजर में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजाक बना दिया है।” शरीफ ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने एक बार कहा था कि पाकिस्तान में ‘ राज्य के अंदर एक राज्य है।’ उन्होंने कहा, ‘यह दुखद है कि स्थिति बदतर हो गई है और राज्य के ऊपर एक राज्य हो गया है। यह समानांतर सरकार की बीमारी हमारी परेशानी की मूल वजह है।“
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उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं से देश की व्यवस्था को बदलने के लिए अहम फैसले लेने को कहा और आरोप लगाया कि मुल्क में फिलहाल “मार्शल लॉ“ लगा हुआ है। शरीफ ने कहा कि लोगों के वोट का सम्मान किया जाना चाहिए और यही देश में लोकतंत्र को बचाने का एकमात्र तरीका है। उन्होंने कहा कि सैन्य तानाशाहों ने कई सालों तक देश में हुकूमत की लेकिन किसी भी निर्वाचित प्रधानमंत्री को पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया गया। पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि अदालत ने उनके खिलाफ संविधान को निलंबित करने के लिए कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, “अदालतों ने तानाशाहों को संविधान के साथ खेलने का अधिकार दिया है और उस शख्स (मुशर्रफ) को बरी कर दिया जिन्होंने दो बार संविधान को निलंबित किया। वहीं, संविधान का पालन करने वाले अब भी जेल में हैं।“
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शरीफ से पहले पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी वीडियो लिंक के जरिए सम्मेलन को संबोधित किया और सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को दबाने के लिए हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा, “ इस सरकार से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि सभी पार्टियां एक साथ आ जाएं।“
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