(ललित के. झा)
वाशिंगटन, 30 नवंबर (भाषा) मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) समेत अमेरिका के कई उच्च शिक्षण संस्थानों ने अपने विदेशी छात्रों और कर्मचारियों को 20 जनवरी से पहले शीतकालीन अवकाश से लौटने की सलाह दी है, जिस दिन डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे।
यह सलाह अमेरिका में अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन को लेकर हो रही चर्चा के मद्देनजर जारी की गई है। अनुमान है कि देश में 1.1 करोड़ से अधिक अवैध प्रवासी हैं।
अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक संबंधों के सिलसिले में हाल ही में जारी ‘ओपन डोर्स 2024’ रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में 11 लाख विदेशी छात्र हैं, जिनमें सबसे अधिक संख्या (3,30,000) भारतीय छात्रों की है।
हायर एंड इमिग्रेशन पोर्टल का अनुमान है कि फिलहाल 400,000 से ज्यादा गैर-दस्तावेजी छात्र अमेरिका में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं।
वैध एफ-वीजा धारक छात्रों पर ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए जाने वाले किसी भी वीजा प्रतिबंध का कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
एमआईटी ने छात्रों से अफवाहों या अटकलों पर ध्यान न देने का आग्रह किया।
एमआईटी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स ऑफिस के एसोसिएट डीन और निदेशक डेविड सी. एल्वेल ने कहा, “आव्रजन और वीजा मुद्दों पर तत्काल क्या प्रभाव पड़ सकता है, यह निर्धारित करना अभी भी जल्दबाजी होगा क्योंकि नए सांसद जनवरी की शुरुआत जबकि हमारे नए राष्ट्रपति 20 जनवरी, 2025 को शपथ लेंगे।”
उन्होंने लिखा कि 20 जनवरी या उसके बाद यात्रा और वीजा प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले नए शासकीय आदेश लागू किए जा सकते हैं।
एल्वेल ने कहा, “इसके अलावा, सत्ता के हस्तांतरण से दूसरे देशों में अमेरिकी दूतावासों/वाणिज्य दूतावासों के कर्मचारी भी प्रभावित हो सकते हैं, जिसकी वजह से वीजा प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।”
एमआईटी ने उपरोक्त कारणों का हवाला देते हुए अपने विदेशी छात्रों और कर्मचारियों को 20 जनवरी से पहले शीतकालीन अवकाश से लौटने की सलाह दी है।
एमआईटी के अलावा कई अन्य विश्वविद्यालयों ने भी इसी तरह की सलाह जारी की है।
इंडियाना में स्थित वेस्लेयन विश्वविद्यालय ने विदेशी छात्रों से 19 जनवरी तक लौटने का आग्रह किया है।
भाषा जोहेब नेत्रपाल
नेत्रपाल
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