Russia Ukraine War: मास्को: यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को खुली चुनौती दी है। पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश प्रयास करें और रूस को जंग के मैदान में हराकर दिखाएं। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका यूक्रेन में हस्तक्षेप बहुध्रुवीय दुनिया की ओर बदलाव प्रतीक है। हालांकि उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि रूस शांति वार्ता के लिए अभी भी तैयार है। यूक्रेन के साथ भीषण जंग शुरू किए जाने के 4 महीने बीत जाने के बाद पुतिन ने संसदीय नेताओं के साथ गुरुवार को बातचीत में यह चुनौती दी।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
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पुतिन ने कहा कि अगर यह संघर्ष लंबा खिंचता है तो बातचीत की संभावना और ज्यादा कम होती जाएगी। पुतिन ने कहा, ‘आज हम सुनते हैं कि वे हमें जंग के मैदान में हराना चाहते हैं। आप ऐसा कहते हैं ? उन्हें ऐसा करने दीजिए। हमने कई बार सुना है कि अंतिम यूक्रेनी तक पश्चिमी देश हमसे लड़ना चाहते हैं। यह यूक्रेन के लोगों के लिए एक त्रासदी है लेकिन ऐसा लग रहा है कि हर चीज इसी दिशा में होती जा रही है।’ रूस ने पश्चिमी देशों के खिलाफ आरोप लगाया है कि वे रूसी अर्थव्यवस्था के खिलाफ प्रतिबंध लगाकर छद्म युद्ध चला रहे हैं और यूक्रेन को आधुनिक हथियारों की तेजी से सप्लाइ कर रहे हैं।
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Russia Ukraine War: इस खुली चुनौती के बाद भी पुतिन ने कहा, ‘हर किसी को यह जानना चाहिए कि हमने अभी तक सामान्य रूप से कुछ भी गंभीरता से शुरू नहीं किया है। ठीक इसी समय हम शांति वार्ता को भी खारिज नहीं कर रहे हैं। लेकिन जो लोग उसे खारिज करते हैं, उन्हें यह जानना चाहिए कि जितना यह ज्यादा आगे बढ़ेगा, हमसे बातचीत करना उतना ही कठिन हो जाएगा।’ पुतिन ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंध मुश्किल पैदा कर रहे हैं लेकिन उतना असर नहीं पड़ रहा है जितना आशंका जताई गई थी।
पुतिन ने पहली बार कई सप्ताह बाद कूटनीति का उल्लेख किया है। इससे पहले रूस की ओर से बार-बार यह बयान दिया गया था कि यूक्रेन के साथ बातचीत पूरी तरह से टूट गई है। 24 फरवरी को हमला करने के बाद रूस ने यूक्रेन के एक बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया है। इसमें रविवार को लुहांस्क पर कब्जा भी शामिल है। हालांकि कई विश्लेषकों की आशंका के विपरीत रूसी सेना की प्रगति बहुत धीमी है। यही नहीं रूसी सेना को यूक्रेन की राजधानी कीव और दूसरे बड़े शहर खारकीव पर कब्जा करने की योजना से भी हटना पड़ा है।