जिनेवा, 12 सितंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जो युद्ध के मैदान के बाहर समाधान खोजने के लिए रूस और यूक्रेन दोनों के साथ बात करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन जोर दिया कि बातचीत तभी हो सकती है जब दोनों पक्षों की सहमति हो।
स्विट्जरलैंड के इस शहर में थिंकटैंक ‘जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी’ में दूत जीन-डेविड लेविट के साथ एक संवाद में जयशंकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल की रूस और यूक्रेन की यात्रा, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की, के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने युद्ध के मैदान के बाहर समाधान खोजने के भारत के घोषित रुख को दोहराया।
पिछले दो महीनों में मोदी की यात्रा किस प्रकार हुई, इस पर विस्तार से चर्चा करने के बाद, जयशंकर ने कहा, “हम सैन्य समाधान नहीं प्राप्त करने जा रहे हैं; इसका कूटनीतिक और बातचीत के माध्यम से समाधान होना चाहिए” और कहा कि बातचीत की शर्तें तय करना पक्षों पर निर्भर है।
रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति पर चर्चा करने के पश्चिम के एकतरफा प्रयासों का परोक्ष संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा, “आप जानते हैं, वार्ता एक पक्ष और उसके सभी समर्थकों के एकसाथ आने से नहीं हो सकती, दूसरा पक्ष वहां नहीं है, तो यह वार्ता नहीं है।”
जर्मनी की दो दिवसीय यात्रा के बाद जिनेवा पहुंचे जयशंकर ने कहा, “कुछ ऐसे देश होंगे जो दोनों जगहों पर बातचीत करने की क्षमता रखते हैं, जो ऐसा कर सकते हैं, जो एक देश में होने पर दूसरे पक्ष का होने के तौर पर नहीं देखे जाते। मुझे लगता है कि आज इन देशों के पास संभावना है।” उन्होंने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का उदाहरण दिया।
भाषा प्रशांत माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Have sex in Lunch and Tea Break: ‘लंच और टी…
2 hours agoखबर म्यांमा मानसून मौत
2 hours agoखबर माली विस्फोट
2 hours ago