नई दिल्ली। रूस की फौजों के साथ घातक स्पिएत्सनाज़ कमांडोज़ भी यूक्रेन की सीमा में घुस चुके हैं। अत्याधुनिक हथियारों से लैस ये स्पेशल कमांडोज़ बेहद खतरनाक माने जाते हैं। इनका अपना खूनी इतिहास रहा है। खबरों में कहा जा रहा है कि इन्हीं कमांडोज़ की अगुआई में रूसी सेना अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रही है।
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स्पिएत्सनाज़ कमांडोज़ खासतौर से रूसी मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट GRU के लिए काम करते हैं। GRU यानी ग्लैवनोए रैजवेदीवातेलनोए उपरावलेनी । रिपोर्ट के मुताबिक, 1991 से पहले रूस की मिलिट्री एजेंसी केजीबी हुआ करती थी, जो बेहद कुख्यात थी।
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लेकिन सोवियत संघ के विघटन के बाद केजीबी की जगह जीआरयू ने ले ली। सेना के लिए खुफिया जानकारी जुटाने के अलावा इसकी अपनी अलग कमांडो यूनिट है, जिसे स्पिएत्सनाज़ कहा जाता है। इसका मुख्य काम दुश्मन के इलाकों की टोह लेना और उन्हें तबाह करना है।
स्पिएत्सनाज़ का शाब्दिक अर्थ होता है, विशेष दर्जा। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्पिएत्सनाज़ यूनिट का गठन 1949 में हुआ था। सोवियत संघ के दौर में स्पिएत्सनाज़ यूनिट काफी एक्टिव थी। सोवियत संघ के विघटन के बाद स्पिएत्सनाज़ यूनिट का इस्तेमाल सुरक्षा और आतंकवादी विरोधी गतिविधियों में किया जाने लगा।
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