दक्षेस के मकसद की बहाली से कई क्षेत्रीय समस्याओं का हल निकलेगा : यूनुस |

दक्षेस के मकसद की बहाली से कई क्षेत्रीय समस्याओं का हल निकलेगा : यूनुस

दक्षेस के मकसद की बहाली से कई क्षेत्रीय समस्याओं का हल निकलेगा : यूनुस

:   Modified Date:  September 6, 2024 / 02:56 PM IST, Published Date : September 6, 2024/2:56 pm IST

(प्रदीप्त तापदार)

ढाका, छह सितंबर (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के मकसद को बहाल करने से कई क्षेत्रीय समस्याओं का हल निकल आएगा।

यूनुस ने ढाका में अपने सरकारी आवास पर ‘पीटीआई’ को दिए साक्षात्कार में यह बात कही।

अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस ने कहा कि दक्षेस का गठन एक महान उद्देश्य से किया गया था लेकिन अब यह केवल कागजों पर ही सिमट कर रह गया है, क्रियाशील नहीं है।

इस क्षेत्रीय समूह में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।

यूनुस ने कहा कि वह इस महीने के अंत में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात का प्रयास करेंगे।

अंतरिम सरकार के प्रमुख ने यह भी कहा कि वह दक्षेस देशों के राष्ट्राध्यक्षों को फोटो खिंचवाने के लिए एक साथ लाने का भी प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा,‘‘ यकीनन हम (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) मुलाकात की कोशिश करेंगे। मैं कोशिश करूंगा कि दक्षेस देशों के राष्ट्राध्यक्ष साथ आएं और फोटो खिंचवाएं। दक्षेस का गठन एक महान उद्देश्य के लिए किया गया था लेकिन यह अब केवल कागजों पर ही सिमट कर रह गया है, क्रियाशील नहीं है। हम दक्षेस का नाम भूल गए हैं। मैं दक्षेस के उद्देश्य को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा हूं।’’

संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी वक्ताओं की एक सूची के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित कर सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की उच्च स्तरीय आम बहस 24 से 30 सितंबर तक होगी।

यूनुस ने कहा, ‘‘ दक्षेस सम्मेलन काफी समय से नहीं हुआ है, अगर हम साथ आएं तो बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।’’

दक्षेस 2016 से अधिक प्रभावी नहीं है और नेपाल इसे फिर से सक्रिय करने का प्रयास कर रहा है।

वर्ष 2016 का दक्षेस शिखर सम्मेलन इस्लामाबाद में होना था लेकिन उस वर्ष 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ‘‘मौजूदा परिस्थितियों’’ के कारण शिखर सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया था।

इसके बाद बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी इस सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया जिसके बाद शिखर सम्मेलन रद्द कर दिया गया था।

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यूनुस ने कहा कि यूरोपीय संघ का गठन दक्षेस की ही तर्ज पर हुआ था और यूरोपीय संघ ने आपसी सहयोग के माध्यम से बहुत कुछ हासिल किया लेकिन दक्षेस अभी वह हासिल नहीं कर पाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ यूरोपीय देशों ने यूरोपीय संघ के जरिए बहुत कुछ हासिल किया है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि दक्षेस काम करे। यूरोपीय संघ को देखिए वह कितने शानदार तरीके से काम करता है। अगर पाकिस्तान को लेकर कोई समस्या है तो दूसरे तरीके भी निकाले जा सकते हैं लेकिन दक्षेस का काम बंद नहीं होना चाहिए।’’

बांग्लादेश में रोहिंग्या मुसलमानों के आने के मुद्दे पर यूनुस ने कहा कि वह म्यामां को अपने लोगों को वापस बुलाने के लिए मनाने के वास्ते भारत से मदद मांगेंगे।

यूनुस ने यह भी कहा कि इस संकट से निपटने के लिए ढाका को भारत और चीन दोनों की मदद की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और चीन की मदद की जरूरत है। लगभग दस लाख लोग बांग्लादेश आ चुके हैं और अब उनकी आबादी बढ़ती जा रही है। इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ रहा है। कुछ देश उन्हें आने दे रहे हैं लेकिन कम संख्या में। चूंकि भारत के म्यामां के साथ अच्छे संबंध हैं इसलिए हमें म्यामां को उन्हें वापस लेने के लिए मनाने में भारत की मदद की जरूरत है।’’

भाषा शोभना नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)