मोदी को कनाडाई धरती पर आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने वाली रिपोर्ट ‘अटकलबाजी’: कनाडा |

मोदी को कनाडाई धरती पर आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने वाली रिपोर्ट ‘अटकलबाजी’: कनाडा

मोदी को कनाडाई धरती पर आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने वाली रिपोर्ट ‘अटकलबाजी’: कनाडा

:   Modified Date:  November 22, 2024 / 04:08 PM IST, Published Date : November 22, 2024/4:08 pm IST

ओटावा, 22 नवंबर (भाषा) कनाडा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की कथित साजिश समेत कनाडा में आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने वाली मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया तथा इसे ‘‘अटकलबाजी और गलत’’ बताया।

कनाडा के प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुफिया सलाहकार नैथाली जी ड्रोइन ने बृहस्पतिवार को इस रिपोर्ट का खंडन किया। इससे एक दिन पहले भारत ने कनाडाई मीडिया की इस रिपोर्ट को ‘‘बदनाम करने वाला अभियान’’ करार देते हुए इसकी कड़ी भर्त्सना की थी।

‘द ग्लोब एंड मेल’ अखबार ने एक अनाम वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी के हवाले से मंगलवार को कहा था कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों का मानना ​​है कि प्रधानमंत्री मोदी निज्जर की हत्या और अन्य हिंसक साजिशों के बारे में जानते थे। अखबार के अनुसार, अधिकारी ने कहा कि कनाडाई और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने हत्या के अभियानों को गृह मंत्री अमित शाह से जोड़ा है और डोभाल एवं जयशंकर भी इनसे अवगत थे।

ड्रोइन ने ‘प्रिवी काउंसिल’ कार्यालय द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘14 अक्टूबर को, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक बड़े खतरे के कारण आरसीएमपी और अधिकारियों ने भारत सरकार के एजेंटों द्वारा कनाडा में की गई गंभीर आपराधिक गतिविधियों के बारे में सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने का असाधारण कदम उठाया।’’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, कनाडा सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर या एनएसए डोभाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने वाले सबूतों के बारे में कुछ नहीं कहा है और न ही उसे इसकी जानकारी है। इसके विपरीत की जा रही हर बात अटकलबाजी और गलत है।’’

‘रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस’ (आरसीएमपी) आयुक्त माइक डुहेम ने 14 अक्टूबर को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय सरकार के ‘‘एजेंट’’ से जुड़े ‘‘सार्वजनिक सुरक्षा से संबंधित खतरे, व्यापक हिंसा और हत्याओं के संबंध में सचेत किया’’ था।

डुहेम के संवाददाता सम्मेलन के कुछ घंटों बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘मेरा मानना ​​है कि भारत ने कनाडाई लोगों पर हमला करने, उन्हें अपने घर में असुरक्षित महसूस कराने और हिंसा एवं यहां तक ​​कि हत्या की वारदातों को अंजाम देने के लिए अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल का चुनाव कर एक बड़ी गलती की है। यह अस्वीकार्य है।’’

कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने 26 अक्टूबर को आरोप लगाया था कि गृह मंत्री अमित शाह ने कनाडा में रह रहे सिख अलगाववादियों को निशाना बनाकर हिंसा करने, धमकाने और खुफिया जानकारी जुटाने का अभियान चलाने का आदेश दिया है।

नयी दिल्ली में बुधवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘द ग्लोब एंड मेल’ की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि ऐसे ‘‘हास्यास्पद बयानों’’ को उसी तरह से खारिज किया जाना चाहिए जिसके वे हकदार हैं।

उन्होंने कहा था, ‘‘इस तरह के बदनाम करने वाले अभियान पहले से ही तनावपूर्ण हमारे संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं।’’

खालिस्तानी अलगाववादियों को कनाडा द्वारा कथित रूप से समर्थन दिए जाने और भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाए जाने के कारण भारत और कनाडा के संबंध काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं। निज्जर की पिछले वर्ष जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

भाषा

सिम्मी नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)