तोक्यो, 23 नवंबर (भाषा) एशियाई रोगियों में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, यदि कोविड-19 के लक्षण शुरू होने के नौ दिनों के भीतर रोगियों को रेमडेसिविर दी जाए तो यह मृत्यु दर को कम कर सकती है।
अध्ययन में कहा गया कि तोक्यो मेडिकल एंड डेंटल यूनिवर्सिटी (टीएमडीयू) के शोधकर्ताओं ने पाया कि कोविड-19 के लक्षण शुरू होने के नौ दिनों के भीतर रेमडेसिविर के साथ उपचार करने से कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स लेने वाले एशियाई रोगियों में मृत्यु दर कम रही।
अध्ययन के मुताबिक, कई अध्ययनों में पहले ही यह स्पष्ट हो चुका है कि रेमडेसिविर से कोविड-19 के मरीजों के ठीक होने में लगने वाला समय कम हो सकता है । हालांकि इस बात को लेकर विरोधाभासी रिपोर्ट हैं कि क्या यह दवा मरीजों की मौत को रोक सकती है। इसके अलावा पूर्व में किए गए परीक्षणों में उन मरीजों पर ध्यान नहीं दिया गया था जिन्हें आईसीयू में रहने के दौरान सांस लेने के लिए चिकित्सकीय उपकरणों की मदद की जरूरत थी।
अध्ययन के प्रथम लेखक मारिको हानाफूसा ने कहा, “लाभ के बारे में असंगत साक्ष्यों को देखते हुए, हमने कोविड-19 के उन रोगियों में रेमडेसिविर की प्रभावशीलता की जांच करने की मांग की जिन्हें जापान में एक आईसीयू में भर्ती कराया गया था।”
हानाफूसा ने कहा, “इन सभी रोगियों का निमोनिया के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड के साथ इलाज किया जा रहा था, और कुछ को सांस लेने के लिए यांत्रिक सहायता दी जा रही थी।”
अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने अप्रैल 2020 से नवंबर 2021 के बीच टीएमडीयू अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कोविड-19 के 168 रोगियों के चिकित्सा रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया कि रोगियों को इस आधार पर समूहों में विभाजित किया गया था कि उनका उपचार रेमडेसिविर के साथ किया गया था या नहीं।
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक ताकेओ फुजीवारा ने कहा, “जिन रोगियों ने रेमडेसिविर के साथ उपचार प्राप्त किया उनके जीवित रहने में स्पष्ट अंतर परिणाम में नजर आया।”
फुजीवारा ने कहा, “अस्पताल में आईसीयू के उन रोगियों में मृत्यु दर काफी कम थी जिन्हें लक्षण शुरू होने के नौ दिनों के भीतर रेमडेसिविर और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स दी गई जबकि जिन रोगियों का रेमडेसिविर के साथ उपचार पहली बार लक्षण विकसित होने के 10 या अधिक दिनों बाद शुरू हुआ था उनमें मृत्युदर अपेक्षाकृत अधिक थी।”
अध्ययन में कहा गया है कि कम संख्या में रोगियों ने त्वचा पर चकत्ते जैसी प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं का अनुभव किया, जिससे उन्हें रेमडेसिविर लेना बंद करना पड़ा, जबकि अधिक अनुपात में मरीजों को गुर्दे व यकृत से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन वे इलाज जारी रखने में सक्षम थे।
हानाफूसा ने कहा, “हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि जापान में गंभीर से जटिल चरण के कोविड-19 से ग्रस्त रोगियों की बड़ी संख्या में रेमडेसिविर व कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का जल्द उपचार मृत्युदर में कमी से जुड़ा हुआ है।”
भाषा
प्रशांत नरेश
नरेश
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