नई दिल्ली। श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में गोतबया राजपक्षे ने सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार साजित प्रेमदासा को हराकर जीत हासिल कर लिया है। सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार साजित प्रेमदासा ने अपनी हार स्वीकार करते हुए अपने प्रतिद्वंदी गोतबया राजपक्षे को जीत के लिए बधाई दे दी है।
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दरअसल, श्रीलंका की राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि गोतबया राजपक्षे की जीत चीन के लिए फायदेमंद हो सकती है क्योंकि उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे के सत्ता में रहते हुए श्रीलंका में चीन ने खूब निवेश किया हुआ था। महिंदा राजपक्षे 2005 तक सत्ता में रहे थे।
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इतना ही नहीं महिंदा राजपक्षे ने चीन से अरबों डॉलर का उधार भी लिया था और कोलंबो बंदरगाह के द्वार चीन के युद्धपोतों के लिए खोल दिए थे। एक तथ्य यह भी है कि चीन ने कोलंबो बंदरगाह को भी विकसित करने में काफी बड़ी भूमिका निभाई है।
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चीन ने हंबनटोटा का विशाल बंदरगाह बनाने में भी प्रमुख भूमिका निभाई है और वह पहले से ही चीन के भारी भरकम कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि राजपक्षे का रुझान चीन की ही सकारात्मक रह सकता है।
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बांध के अंदर बांदर
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