Principal raped 13 girl students, many got pregnant

प्रिंसिपल ने पार की हैवानियत की सारी हदें, अपने ही स्कूल के 13 छात्राओं को बनाया हवस का शिकार, कई हुई प्रेग्नेंट

प्रिंसिपल ने पार की हैवानियत की सारी हदें, अपने ही स्कूल के 13 छात्राओं को बनाया हवस का शिकारः Principal raped 13 girl students, many got pregnant

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 PM IST
,
Published Date: February 15, 2022 7:31 pm IST

जकार्ता: Principal raped 13 girl students गुरु और शिष्य का रिश्ता सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है लेकिन इंडोनेशिया के एक टीचर ने इसे शर्मसार कर दिया। यहां के एक टीचर ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए अपने ही स्कूल के 13 छात्राओं के साथ दुष्कर्म किया। इस मामले पर आरोपी टीचर को कोर्ट ने आरोपी टीचर को उम्र कैद की सजा सुनाई है। बताया जा रहा है कि दोषी एक इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल का प्रिंसिपल था।

Read more : 42 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों की नौकरी पक्की, 23 फरवरी से मिलेगा नियुक्ति पत्र! यहां के शिक्षा मंत्री ने दी खुशखबरी 

Principal raped 13 girl students मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिम जावा के बांडुंग शहर में स्थित छात्राओं के स्कूल प्रिंसिपल हेरी विरावन ने अपना अपराध स्वीकार किया। इसके साथ ही उसने पीड़ित छात्राओं और उनके परिजनों से माफी भी मांगी है। आरोप है कि इस टीचर ने 11 से 14 साल के बीच की 13 छात्राओं के साथ दुष्कर्म किया। आरोपी ने 2016 से 2021 के बीच इन वारदातों को अंजाम दिया। इस दुष्कर्म से पीड़ित छात्राओं ने करीब नौ बच्चों को जन्म दिया। दुष्कर्म के मामला सामने आने के बाद लोगों के बीच खासा रोष देखा गया।

Read more : भारत-श्रीलंका सीरीज के शेड्यूल में BCCI ने किया बदलाव, इस जगह अपना 100वां टेस्ट खेलेंगे विराट कोहली 

दुष्कर्म के कारण जन्मे बच्चों के लिए कोर्ट ने दिए आदेश
बांडुंग जिला न्यायालय में तीन जजों की पीठ ने स्कूल के प्रिंसिपल विरावन को बाल संरक्षण कानून और आपराधिक संहिता के उल्लंघन का दोषी ठहराया। इसके साथ ही उन्होंने महिला सशक्तिकरण और बाल संरक्षण मंत्रालय से पीड़ित छात्राओं को संयुक्त तौर पर 33.1 करोड़ रुपये (23,200 डालर) देने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि दुष्कर्म के कारण जन्मे बच्चों को बाल और महिला सुरक्षा एजेंसी को सौंप दिया जाए। कोर्ट ने कहा जब पीड़ित छात्राएं अपने बच्चों की देखभाल के लिए मानसिक रूप से तैयार होंगी। तभी उन्हें बच्चे सौंपे जाएंगे।