प्रेसिडेंशियल डिबेट’: ट्रंप पर भारी पड़ी हैरिस |

प्रेसिडेंशियल डिबेट’: ट्रंप पर भारी पड़ी हैरिस

प्रेसिडेंशियल डिबेट’: ट्रंप पर भारी पड़ी हैरिस

:   Modified Date:  September 11, 2024 / 06:48 PM IST, Published Date : September 11, 2024/6:48 pm IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 11 सितंबर (भाषा) अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने मंगलवार को पहली बहस में अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को पछाड़ दिया। हैरिस अमेरिकी विदेश नीति, अर्थव्यवस्था, सीमा सुरक्षा और गर्भपात जैसे विषयों पर ट्रंप को घेरने में कामयाब रहीं ।

ट्रंप के साथ इस बहस के दौरान हैरिस पूर्व में ‘प्रेसिडेंशियल डिबेट’ में राष्ट्रपति जो बाइडन के निराशाजनक प्रदर्शन की भरपाई करने का भरपूर प्रयास करती भी दिखीं और 90 मिनट चली इस बहस में हैरिस ने ट्रंप को चारों ओर से घेरने का प्रयास किया।

पूर्व राष्ट्रपति ने जब मौजूदा प्रशासन की निंदा की तो उपराष्ट्रपति हैरिस ने उन्हें स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, ‘‘आप जो बाइडन के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। आप मेरे खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।’’

बहस की शुरुआत मंगलवार को दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर की, लेकिन बाद में यह तीखे आक्रामक तेवरों में बदल गई।

पेन्सिलवेनिया में 90 मिनट चली इस बहस के दौरान हैरिस (59) ने अपनी बहस समेटते हुए अंत में टिप्पणी की, ‘‘मुझे लगता है कि आपने आज रात देश के लिए दो बिल्कुल अलग-अलग दृष्टिकोण सुने। एक जो भविष्य पर केंद्रित है और दूसरा जो अतीत पर केंद्रित है तथा हमें पीछे की ओर ले जाने वाला है, लेकिन हम पीछे नहीं जा रहे हैं।’’

उन्होंने दावा कि दुनिया के नेता ‘‘डोनाल्ड ट्रंप पर हंसते हैं’’ और उनका उपहास उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने सैन्य नेताओं के साथ बात की है, जिनमें से कुछ आपके साथ काम कर चुके हैं। उनका कहना है कि आप एक कलंक हैं।’’

ट्रंप (78) ने भी हैरिस को घेरने का प्रयास करते हुए पूछा कि आखिर अभी वह जो वादें कर रही हैं उसे उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन और अपने नेतृत्व वाले प्रशासन में इन साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में क्यों नहीं किया?

पूर्व राष्ट्रपति ने बहस के समापन में अपनी टिप्पणी में कहा, ‘‘उन्होंने इसी बात से शुरुआत की कि वह ऐसा करेंगी, वह वैसा करेंगी। वह ये सारी बेहतरीन चीजें करने वाली हैं, लेकिन अब तक उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? इन सबको करने के लिए उनके पास साढ़े तीन साल का समय था। सीमा का विवाद सुलझाने के लिए उनके पास साढ़े तीन साल थे। रोजगार पैदा करने के लिए और जिन भी चीजों पर हमने बात की, इसके लिए उनके पास साढ़े तीन साल थे। उन्होंने तब ऐसा क्यों नहीं किया?’’

यह दूसरी ‘प्रेसिडेंशियल डिबेट’ थी, लेकिन ट्रंप और हैरिस के बीच यह पहली बहस थी।

पहली ‘प्रेसिडेंशियल डिबेट’ 27 जून को राष्ट्रपति जो बाइडन और ट्रंप के बीच हुई थी, जिसमें अपने निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बाइडन ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से नाम वापस ले लिया तथा नवंबर में होने वाले चुनाव में हैरिस के लिए पार्टी उम्मीदवार बनने का मार्ग प्रशस्त किया।

बहस का संचालन कर रहे ‘एबीसी न्यूज’ के संचालकों को इस दौरान कई बार तथ्यों की जांच के लिए टोकना पड़ा।

हैरिस ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा था कि आपको कई झूठ सुनने को मिलेंगे और वास्तव में यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं तो वह राष्ट्रीय गर्भपात प्रतिबंध विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे। उन्होंने दावा किया, ‘‘एक राष्ट्रीय गर्भपात निगरानी तंत्र होगा, जो आपकी गर्भावस्था, आपके गर्भपात की निगरानी करेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अमेरिकी लोगों का मानना ​​है कि कुछ स्वतंत्रताएं, विशेष रूप से अपने शरीर के बारे में निर्णय लेने की स्वतंत्रता, सरकार द्वारा नहीं दी जानी चाहिए।’’

ट्रंप ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि गर्भपात की नीति राज्यों द्वारा तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हैरिस एक बार फिर झूठ बोल रही हैं। मैं ऐसे किसी विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करने वाला हूं। डेमोक्रेटिक पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी और कानूनविद सभी इसे राज्यों में वापस लाना चाहते हैं और राज्य इसके पक्ष में हैं।’’

चुनावी रैलियों को लेकर भी दोनों के बीच नोकझोंक हुई।

हैरिस ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘ये बड़ा मजेदार होने वाला है। आप लोग देखेंगे कि अपनी रैलियों में ये काल्पनिक चरित्रों जैसे हैनिबल लेक्टर की बात करते हैं। ये कहेंगे कि पवन चक्की से कैंसर होता है। आपने देखा होगा कि लोग परेशान और बोर होकर उनकी रैलियों से जल्दी ही उठकर जाने लगते हैं।’’

वहीं, ट्रंप ने बिना कोई सबूत दिए हैरिस पर लोगों को पैसे देकर अपने कार्यक्रमों में बुलाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी रैलियां सबसे विशाल थीं। राजनीति के इतिहास में सबसे विश्वसनीय रैलियां हुईं। यह इसलिए था क्योंकि लोग अपने देश को फिर से उसी मुकाम पर देखना चाहते हैं।’’

हैरिस ने कहा, ‘‘मेरा दृढ़ता से मानना है कि अमेरिका के लोग एक ऐसा राष्ट्रपति चाहते हैं जो इस बात के महत्व को समझें कि हमें एकसाथ आना चाहिए और जो चीजें हमें अलग करती हैं उसकी तुलना में हमारे बीच कई समानताएं हैं। मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं सभी अमेरिकी नागरिकों की राष्ट्रपति बनूंगी।’’

अमेरिका के कई कमेंटेटर ने कहा कि बहस के दौरान हैरिस ने बेहतर प्रदर्शन किया।

‘फॉक्स न्यूज’ जिसे ट्रंप के प्रति अक्सर झुकाव रखने वाला माना जाता है, उसने भी कहा, ‘‘ट्रंप-हैरिस मुकाबले में वह एक स्पष्ट विजेता बनकर उभरीं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि चुनाव अभी खत्म हो गया है।’’

अर्थव्यवस्था पर भी पूर्व राष्ट्रपति ने हैरिस को घेरा। उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि मैं क्या करने जा रहा हूं। मैं करों में बहुत कटौती करूंगा और एक बेहतरीन अर्थव्यवस्था बनाऊंगा जैसा मैंने पहले किया था। हमारे पास सबसे बेहतरीन अर्थव्यवस्था थी। महामारी के कारण यह प्रभावित हुई। हमने महामारी के दौरान शानदार काम किया।’’

ट्रंप ने आरोप लगाया कि हैरिस मार्क्सवादी विचारधारा वाली हैं, जबकि हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति को अक्खड़ और एक ऐसा व्यक्ति कहा जो देश को पीछे की ओर धकेलना चाहता है।

ट्रंप ने आरोप लगाया, ‘‘तीन-चार साल पहले उनका जो भी मानना था वह अब गौण है। वह अब मेरे नजरिये को अपनाती दिख रही हैं… लेकिन अगर वह राष्ट्रपति चुनी जाती हैं तो वह इसे बदल देंगी और यह हमारे देश के अंत का कारण बनेगा। वह एक मार्क्सवादी विचारधारा वाली महिला हैं। उनके पिता अर्थव्यवस्था में मार्क्सवादी प्रोफेसर थे और उन्होंने उन्हें (हैरिस को) इसकी बेहतर शिक्षा दी है।’’

ट्रंप ने दावा किया कि हैरिस, बाइडन प्रशासन में सीमा मामलों को देखती थीं और ‘‘हर महीने देश के अंदर लाखों प्रवासियों के आने के लिए’’ हैरिस को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर अपराधी हैं और यह अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘खराब अप्रवासन हमारी अर्थव्यवस्था के साथ होने वाली सबसे बुरी चीज है। उन्होंने (बाइडन और हैरिस ने) खराब नीतियों के कारण हमारे देश को तबाह कर दिया है।’’

हैरिस ने कहा कि अमेरिका को एक ऐसा नेता चाहिए जो सामने आने वाली समस्याओं का समाधान और उनपर ध्यान दे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन पूर्व राष्ट्रपति ने समस्या को सुलझाने के बजाय सिर्फ इसे पैदा करने का काम किया है।’’

बहस के दौरान हैरिस कई बार ट्रंप को बीच में टोकती नजर आईं। हालांकि ट्रंप के बोलने के दौरान उनका माइक बंद रहने के कारण इसे नहीं सुना जा सका।

ट्रंप ने संकल्प जताया कि अगर वह पांच नवंबर को आम चुनाव में जीतते हैं तो वह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को खत्म करेंगे।

पूर्व राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कई बार अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया और कहा कि जिस तरह से वहां से अमेरिकी सेना को वापस बुलाया गया वह ‘‘अमेरिका के इतिहास में सबसे शर्मनाक पल था’’।

इस पर हैरिस ने तालिबान के साथ उनकी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि यह याद रखना चाहिए कि (सैनिकों की) वापसी किस हालात में हुई।

ट्रंप ने दावा किया कि हैरिस ‘‘इजराइल से नफरत’’ करती हैं जिस पर उपराष्ट्रपति ने पलटवार करते हुए कहा कि ट्रंप ‘‘तानाशाहों’’ को पसंद करते हैं।

भाषा नरेश

नरेश

 

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