गाजा युद्धविराम के कारण घर लौटने लगे फलस्तीनी |

गाजा युद्धविराम के कारण घर लौटने लगे फलस्तीनी

गाजा युद्धविराम के कारण घर लौटने लगे फलस्तीनी

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Modified Date: January 19, 2025 / 08:25 PM IST
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Published Date: January 19, 2025 8:25 pm IST

खान यूनिस (गाजा पट्टी), 19 जनवरी (एपी) इजराइल और हमास के बीच रविवार को संघर्ष विराम समझौता पूरी तरह से लागू होने से पहले ही फलस्तीनी, युद्धग्रस्त गाजा पट्टी स्थित उन घरों के अवशेष की तरफ लौटना शुरू कर दिया है, जिन्हें उन्हें 15 महीने लंबे युद्ध के दौरान खाली करना पड़ा था।

मिस्र से लगी गाजा पट्टी की दक्षिणी सीमा के उत्तर में मुवासी के विशाल तम्बू शहर में रह रहीं मजीदा अबू जराद ने बहुत तेजी से अपने परिवार के तम्बू की सामग्री को पैक करने का काम पूरा कर लिया।

युद्ध की शुरुआत में उन्हें गाजा के उत्तरी शहर बेत हनौन स्थित अपने घर से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जहां वे गर्मियों की शाम में गुलाब और चमेली की खुशबू के बीच रसोई की मेज के आसपास या छत पर अक्सर एकत्र होते थे।

इजराइली सेना द्वारा एक के बाद एक निकासी आदेश के बाद अबू जराद, उनके पति और उनकी छह बेटियों ने गाजा पट्टी की लंबी यात्रा की है।

उन्होंने कहा कि वे (परिवार के लोग) सात बार भागे और हर बार उनका जीवन उनके लिए और अधिक अपरिचित हो गया, क्योंकि वे स्कूल के कमरों में सोने के लिए अजनबियों के साथ भीड़ में शामिल होते थे, एक विशाल तम्बू शिविर में पानी की तलाश करते थे या सड़क पर सोते थे।

अब यह परिवार जो कुछ भी बचा है उसकी ओर रवाना होने की तैयारी कर रहा है और अपने रिश्तेदारों से दोबारा मिलना चाहता है।

अबू जराद ने कहा, ‘‘जैसे ही उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम रविवार को शुरू होगा, हमने अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया और निर्णय करने लगे कि हम क्या ले जाएंगे, बिना इस बात की परवाह किए कि हम अब भी तंबू में रहेंगे।’’

गाजा में युद्ध तब शुरू हुआ जब हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने सात अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजराइल पर हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 लोगों का अपहरण कर लिया गया। लगभग 100 बंधक अब भी गाजा के अंदर हैं, जिनमें से कम से कम एक तिहाई को मृत माना जा रहा है।

इजराइली सेना की बमबारी ने गाजा के बड़े हिस्से को तबाह कर दिया है और इसके 23 लाख निवासियों में से 19 लाख लोग विस्थापित हो गए।

युद्धविराम के आधिकारिक तौर पर प्रभावी होने से पहले ही कई फलस्तीनियों ने अपने घरों तक पहुंचने के लिए मलबे के बीच से यात्रा शुरू कर दी। कुछ लोग पैदल जाते दिखे, तो कुछ लोग गधा गाड़ियों पर अपना सामान ढो रहे थे।

एक विस्थापित फलस्तीनी और दो बच्चों के पिता मोहम्मद महदी ने कहा, ‘‘वे मलबे में दबे अपने प्रियजनों को निकालने के लिए लौट रहे हैं।’’ कुछ महीने पहले उन्हें गाजा शहर के दक्षिण-पूर्वी जायतौन इलाके में अपना तीन मंजिला घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

पश्चिमी गाजा से मलबे के बीच चलते हुए महदी रविवार सुबह अपने घर पहुंचने में कामयाब रहे। महदी ने कहा कि उन्होंने हमास द्वारा संचालित पुलिस बल को गाजा शहर में सड़कों पर तैनात होते हुए देखा, जो लोगों को उनके घर लौटने में मदद कर रहे थे।

विधवा (48) और छह बच्चों की मां उम साबेर अपने गृहनगर बेत लाहिया लौट आई हैं। साबेर ने फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि उसके परिवार को घर लौटते समय सड़क पर शव मिले थे, जिनमें से कुछ तो हफ्तों से खुले में पड़े हुए प्रतीत हो रहे थे।

उम साबेर ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र के कमल अदवान अस्पताल को भी ‘पूरी तरह से नष्ट’ पाया, उन्होंने सब कुछ नष्ट कर दिया।

एपी संतोष सुरेश

सुरेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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