इस्लामाबाद, 29 जून (भाषा) पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश काजी फैज इसा ने शनिवार को कहा कि व्यभिचार के मामलों में चार गवाह पेश करने की इस्लामी शर्त को पूरा किए बिना देश में महिलाओं को झूठी शान के नाम पर मारा जा रहा है।
यहां ‘सभी के लिए न्याय तक पहुंच’ विषय पर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संविधान सभी क्षेत्रों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को अनिवार्य बनाता है।
उन्होंने मुस्लिम समुदाय के भीतर सामाजिक इतिहास की उपेक्षा पर अफसोस जताया और झूठी शान के नाम पर महिलाओं की हत्या की निंदा की।
इसा ने यह भी कहा कि किसी महिला पर व्यभिचार का झूठा आरोप लगाने पर इस्लाम में तथा पाकिस्तान में कानूनों के तहत दंडनीय है।
उन्होंने कहा कि कुरान में किसी महिला पर गलत आरोप लगाने या उसका अपमान करने पर 80 कोड़े मारने की सजा है।
प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी महिला पर व्यभिचार का गलत आरोप लगाने पर किसी को दंडित होते नहीं सुना है।
भाषा नेत्रपाल माधव
माधव
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